महादेव जी कहते हैं मेरे बच्चे आज का यह
संदेश तुम्हारे लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण
है क्योंकि आज मैं तुम्हें तुम्हारे
प्रेमी की गुप्त योजनाएं बताने वाला हूं
इसीलिए धैर्य के साथ अंत तक इस संदेश को
अवश्य
सुनना मेरे बच्चे जो व्यक्ति सच्चा होता
है और निय स्वार्थ भाव से किसी को प्रेम
करता है तो उसके साथ कभी कोई चाहकर भी छल
नहीं कर
सकता ऐसा ही कुछ हुआ है तुम्हारे प्रेमी
के साथ मेरे बच्चे तुम्हारा प्रेम अहंकार
से भरा हुआ था उसे अपने ज्ञान गुण और
चतुराई पर बहुत अहंकार था वह अपने आगे दोष
रो की नहीं सुनता था ऐसा ही उसने तुम्हारे
साथ भी किया बिना किसी कारण उसने तुम्हें
बहुत दुख
दिया हर समय तुम पर क्रोध किया और अपनी
गलतियों को भी तुम्हारे ऊपर थोप
दिया मेरे बच्चे तुम बहुत बोले हो इसीलिए
उसके योजना तुम समझ नहीं पाए वह तुमसे दूर
जाना चाहता था
इसीलिए जानबूझकर वह तुम्हें तकलीफ देता था
ताकि पीवा शकट तुम स्वयं उससे दूर चले जाओ
किंतु तुम्हारा प्रेम सच्चा है इसीलिए
तुमने उसकी हर उत्त टं को सहन
किया मेरे बच्चे उसने तुमसे पीछा छुड़ाने
का कई उपाय
लगाया किंतु तुम्हारे नि शर्त प्रेम के
सामने उसका हर उपाय असफल रहा
इसीलिए उसने एक नई बुद्धि लगाई वह
धीरे-धीरे
तुमसे बात कम करने लगा जब भी तुम उससे बात
करने की कोशिश करते तो वह व्यस्त होने का
बहाना बना
लेता मेरे बच्चे उसने सोचा था कि
धीरे-धीरे वह तुमसे बात कम करेगा और सही
अवसर देखकर वह तुमसे दूर चला
जाएगा किंतु उसकी यह योजना उस पर भारी पड़
गई मेरे
बच्चे कुछ दिनों तक तुमसे बात ना करके उसे
बहुत आनंद आया किंतु इसी बीच उसने
तुम्हारे कीमत समझ में आई उसे यह एहसास हो
गया कि तुम उसके लिए कितने महत्त्वपूर्ण
हो मेरे बच्चे तुम्हारे निय स्वार्थ प्रेम
और भोला मुख उसकी स्मृति में सदैव के लिए
बच गया है उसका अहंकार उसका क्रोध तुमसे
दूर जाते ही समाप्त हो गया है क्योंकि वह
हर किसी पर तुम्हारे जैसा ही क्रोध करता
और बदले में तुम्हारे जैसा व्यवहार की
कामना
करता मेरे बच्चे वह हर किसी में तुम्हारे
जैसा ही प्रेम तलाश करता है किंतु
तुम्हारे जैसा प्रेम उसे कोई नहीं कर सकता
यह बात वह भली भाति समझ गया है मेरे बच्चे
इस समय तुम्हारे प्रेम लिए जो अद्भुत
बदलाव देखने को मिल रहा है वह इस बात की
पुष्टि करता है कि अब वह तुमसे अत्यंत
प्रेम करने लगा है मेरे बच्चे तुम्हारा
प्रेमी दिल का साफ है परंतु अहंकार ने
उसके विवेक को हर लिया था इसीलिए वह तुमसे
दुर्व्यवहार करता था किंतु अब वह सभी
दोषों से मुक्त हो चुका है तुम्हारे बिना
वह स्वयं को अधूरा मानता है उसके जीवन में
अब तुमसे अधिक महत्त्वपूर्ण कुछ भी नहीं
है अब उसके मन में तुम्हारे प्रति बहुत
आदर है बहुत सम्मान है
बहुत जल्द वह तुम्हें आश्चर्य कर देने
वाला उपहार देने वाला है यह उपहार
तुम्हारे सपनों से जुड़ा है और तुम्हें इस
उपहार की बहुत समय से प्रतीक्षा थी
तुम्हारी प्रतीक्षा का फल अब तुम्हें
मिलेगा मेरे बच्चे मैं जानता हूं तुम्हारी
कुछ गुप्त इच्छाएं भी है चिंता मत करो
तुम्हारी इच्छा जल्द पूरी होगी मेरा
आशीर्वाद
तुम्हारे साथ है खुश रहो तुम्हारा कल्याण
हो मेरे बच्चे सच्चे मन से कहो ओम नमः
शिवाय