आखिर कुंवारी क्यों है माता वैष्णो देवी माता के अधिकांश स्वरूप सुहागन की तरह पूजे जाते हैं फिर माता वैष्णो देवी कुमारी कन्या
रूप में क्यों पूजी जाती है इसके पीछे एक पौराणिक कथा है तथा इस प्रकार से है त्रेता युग की बात है दक्षिण भारत के रामेश्वरम में
समुद्र तट पर एक सुंदर गांव था रत्नाकर शिव जी और मां आदिशक्ति के बड़े भक्त थे गांव शहर में रत्नाकर का मन तो बहुत था पर
कोई संतान न थी रत्नाकर की पत्नी हमेशा मां आदि उन्होंने लगातार कई वर्षों तक मां की पूजा अर्चना की कई सालों से संतान हम
रत्नाकर की पत्नी की प्रार्थना एक दिन मन सुन ली सपने में एक बालिका ने आकर कहा मैं तुम्हारे घर आ रही हूं पर एक शर्त पर पुजारी और महालक्ष्मी और महादुर्गा ने मिलकर ही इस कन्या का रूप लिया है आदिशक्ति ने धर्म की रक्षा के लिए ही प्रकट की है
रत्नाकर इस भाव से कन्या का लालन पालन करने लगे त्रिकुटा का स्वभाव जन्म से ही एन बचपन से ही वह पूजा पाठ और धार्मिक कार्यक्रमों को देखकर प्रसन्न होती पता चल गया था कि भगवान विष्णु ने भगवान श्री राम के रूप में धरती पर अवतार ले लिया है