खोडियार माँ व्रत कथा

नमस्कार आज मैं आपके लिए खोडियार मां की कथा लेकर आया हूं गढ़वी नाम का एक व्यक्ति रहता था उसे राजा के मंत्रियों को

राजा और गढवी की मित्रता देखकर बहुत ईर्ष्या होती थी रानी उनकी बातों में आकर द्वारा गढ़वी को महल में प्रवेश करने से मना

कर दिया तो उन्हें बताया गया कि नहीं संतान व्यक्ति राजा की उपस्थिति के योग्य नहीं है घर गया गर्मी के भाग्य में उसे आदमी की

कहानी सुनाने के बाद नाग देवता की सबसे छोटी बेटी और उसके साथ भाई बहनों ने मनुष्य के रूप में अवतार लेकर मदद करने का फैसला किया गढ़वी को आठ बच्चों के लिए आठ पालने बनाने की सलाह दी गढ़वी साल लौट आया और निर्देशों का पालन कर

ने से पहले अपनी पत्नी को खबर सुनाइए आज पालने का व्यवस्था किया विजय भाई गूगल गूगल कॉल भाई अपनी संतान नहीं था क्यों उनका दोस्त अब निसंतान नहीं था लेकिन उन्हें संदेह भी था की जरूरत भद्र को गढवी के बच्चों के बारे में पता चला तो खत्म

करने का फैसला किया इस चमत्कार नहीं नहीं राजा के संदेश को यकीन में बदल दिया और नदी में डूबने के लिए छोड़ दिया जाए बच्चों की रोने की आवाज अंदर से सुनाई देने लगी बच्चों के रोने की आवाज अंदर से सुनाई देने लगी नाम दिया गया

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