Haryana Political Crisis: नए मुख्यमंत्री पर बीजेपी विधायक का बड़ा खुलासा

क्या अभी इस्तीफा दे दिया है क्या इस्तीफा

दे दिया माननीय मुख्यमंत्री जी नेके साथ

सभी मंत्री शामिल थे और अी इस्तीफा गवर्नर

साहब ने स्वीकार कर

लिया प पैर क मेरा पैर क दोबारा शब्द कब

ले रहे सर दोबारा शब्द उसके बारे में नहीं

बता सकता उसके बारे में तोम रहेगा

साबता मुख्यमंत्री मनोहरलाल

रहेंगे तो तो इस वक्त की बड़ी खबर आप सुन

रहे थे बीजेपी विधायक को एक बार

स देखिए बीजेपी विधायक हैं राजभवन से बाहर

आने के बाद जानकारी मीडिया के साथ

इन्होंने साझा की है कि मुख्यमंत्री ने

इस्तीफा दे दिया है मुख्यमंत्री के साथ

सभी मंत्रियों का इस्तीफा सौंप दिया गया

है राजभवन जाकर राज्यपाल को मतलब हरियाणा

में खट्टर कैबिनेट का इस्तीफा मनोहर लाल

खट्टर से लेकर उनकी सरकार के सभी

मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है यह इस

वक्त की बड़ी खबर है और एक बार फिर से

आपको सुनाते हैं बीजेपी के ये विधायक जब

मीडिया के सामने आए तो इनकी तरफ से क्या

कहा गया सुनाइए

जरा हम आपको वो सुनाने की कोशिश कर रहे

हैं बड़ी बात यह कही गई है बीजेपी के

विधायक की तरफ से कि मनोहर लाल खट्टर ही

सीएम बने रहेंगे यह कह रहे हैं कंवरपाल

गुर्जर कंवरपाल गुर्जर की तरफ से यह बड़ा

बयान दिया गया है कंवरपाल गुर्जर कह रहे

हैं कि खट्टर ही सीएम बने रहेंगे यह जो

दावा कवल पाल गुर्जर कर रहे हैं आखिर इस

दावे का मतलब क्या है मुझे लगता है यह भी

समझना जरूरी है न उससे पहले सुनि जरा कवर

पाल गुर्जर का य

दावा

दिया शामिल थे और इफ गवनर साहब ने स्वीकार

कर

लिया मुं

तो पूर्व मंत्री कंवरपाल गुर्जर को आप सुन

रहे थे कंवरपाल गुर्जर जिनकी तरफ से

जानकारी दी गई है कि इस्तीफा सौंप दिया

गया है मुख्यमंत्री की तरफ से और खट्टर

सरकार के सभी मंत्रियों की तरफ से

राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया गया है और

ऐसे में यह जो खबर सामने निकल कर आ रही है

कि खट्टर जा रहे हैं लेकिन कुछ विधायकों

की तरफ से दबी जबान में यह दावा किया जा

रहा है कि खट्टर ही वापस आएंगे इस दावे का

मतलब क्या है समझते हैं जरा नीरज

पांडे

देखिए मेरी जो जानकारी है उसके अनुसार

चुनाव बहुत कम समय का बचा है मात्र मैच दो

महीने बचा है दो महीने में तीन महीनों में

मुख्यमंत्री बदलने का कोई औचित्य मुझे

लगता नहीं है अभी जो घटनाक्रम हो रहा है

उससे एक बात तो साफ है कि जेजेपी को भाजपा

ने अपनी सरकार से बाहर निकालकर मक्खी की

तरह फेंक दिया है यानी कि अब जेजेपी को वह

शामिल करने वाले नहीं जेजेपी कोई फैसला

लेती जेजेपी कोई बात कहती उससे पहले

भारतीय जनता पार्टी ने अपना रुख साफ कर

दिया है और जेजीपी को ही बाहर निकालकर

सरकार से फेंक दिया है क्योंकि इस्तीफा

सारे कैबिनेट का उन्होंने सौंप दिया है

जेजेपी उसमें पार्ट थी अगर जेजीपी के

मंत्रियों को सरकार से हटाना था तो पहले

पूरी सरकार पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देना

था और इस्तीफा देने के बाद पर्यवेक्षकों

की बैठक में विधायक दल की बैठक होगी

पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में और उस

मौजूदगी में फिर से नया नेता चुना जाएगा

नया नेता कौन हो सकता है नया नेता खुद

खट्टर भी हो सकते हैं इस समय की बड़ी

जानकारी में दे दूं नायब सिंह सैनी फ्रंट

रनर हैं लेकिन खट्टर दोबारा से

मुख्यमंत्री की शपथ ले सकते हैं क्योंकि

अभी तक जो जानकारी आ रही है बहुत सारे

विधायक खट्टर के पक्ष में हैं आपने जो बात

कही है कि समझिए इस बात को जब मंत्रिमंडल

का इस्तीफा हो गया मुख्यमंत्री का इस्तीफा

हो गया तो फिर जेजेपी के कोटे के

मंत्रियों को अलग से बाहर का रास्ता

दिखाने का कोई गुंजाइश बचती नहीं है मतलब

एक तरीके से कहीं ना कहीं बीजेपी जो है यह

जेजेपी को लेकर अपना रुख साफ कर रही है कि

अब उसके मन में कोई गुंजाइश नहीं है

जेजेपी को साथ बनाए रखने की और बीजेपी की

इस मंशा से क्या समझ बन रही है अंकित

गुप्ता बीजेपी को जेजेपी की जरूरत नहीं या

बीजेपी ने मान लिया है कि राजनीतिक तौर पर

चुनावी राजनीति में जेजेपी बिल्कुल अपना

अस्तित्व खो चुकी है रिडंडेंट हो चुकी है

पॉलिटिकली दुषें चौटाला की पार्टी अंकित

गुप्ता देखिए निश्चित तौर पर बीजेपी ने

अपना एक इंटरनल सवे सर्वे भी किया है

उसमें यही निकल के आया है कि दशन चौटाला

अगर लोकसभा चुनावों के दौरान साथ रहते भी

हैं तो उनको बहुत ज्यादा जो है बीजेपी को

मदद नहीं मिलने वाली लेकिन रोमाने सबके

बीच में एक अंदर की जानकारी निकल के सामने

आई है कि आखिर जेजेपी और बीजेपी का गठबंधन

टूटा क्यों है अभी हमारी जो सूत्रों से

बातचीत हुई है उसमें उन्होंने साफ तौर पर

कहा कि दुष्यंत चौटाला जब बीजेपी के आला

नेतृत्व से मिले तो उन्होंने दो सीटों की

मांग रखी और बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व

एक सीट देने को तैयार था जबकि जो बीजेपी

का प्रदेश नेतृत्व था वो इसका विरोध कर

रहा था वो कह रहे थे कि दुष्यंत चौटाला को

एक भी सीट नहीं देनी चाहिए क्योंकि यहां

पर जो उम्मीदवार जो हमारे हैं वो जो

जीते ते हुए हैं उनके उन्हीं के ऊपर डाउन

लगाना चाहिए तो एक तरह से बीजेपी का जो

स्थानीय नेतृत्व था उसकी बात आला नेतृत्व

ने मानी है और दुष्यंत चौटाला के पक्ष में

हालांकि थोड़ा सा ये जरूर कहा गया कि आपको

एक सीट हम दे सकते हैं लेकिन दुष्यंत

चौटाला उस पर तैयार नहीं थे और बीजेपी ने

अपने स्थानीय नेतृत्व की बात मानते हुए

केंद्रीय नेतृत्व ने स्थानीय प्रदेश

नेतृत्व की बात मानते हुए साफ कह दिया कि

अगर एक सीट से ज्यादा आपको चाहिए तो हम ये

सरकार में साथ में नहीं रह सकते और इस वजह

से यह गठबंधन टूटा कल देर रात पूरी

घटनाक्रम हुआ है और उसी दौरान यह जो

परिवेश कों को निर्देश दिया गया कि आप

जाइए आप चंडीगढ़ में जाकर विधायकों की

बैठक लाइए और इसी वजह से रोमाना ये

महत्त्वपूर्ण क्या है महत्वपूर्ण यह है

ऐसा नहीं है कि ये कुछ प्री डिसाइडेड था

कल देर रात में ये पूरा घटनाक्रम हुआ उसके

बाद पर्यवेक्षकों को वहां भेजा गया

विधायकों की बैठक बुलाई गई और ताजा

घटनाक्रम हमारे सामने है मुखर अंक गुप्ता

सवाल ये बड़ा हो जाता है जिसके लिए हमें

नीरेश पांडे के पास चलना चाहिए कि वो जो

कहा जा रहा है कि आज दुष्यंत चौटाला की

अभी मुलाकात भी होनी है गृह मंत्री अमित

शाह से क्या अभी भी वह मुलाकात तय है या

फिर वह मुलाकात भी अब रद्द हो गई है क्या

जानकारी मिल रही है नीरज

पांडे देखिए पानी बहुत ऊपर निकल चुका है

रोमाना अब अब मुझे लगता नहीं कि यह

मुलाकात होगी अगर मुलाकात होनी होती तो जो

सुबह चर्चा थी कि सुबह बजे अमित शाह

के साथ उनकी मुलाकात हो सकती है वो

मुलाकात हो जाती लेकिन अब पानी सर से ऊपर

निकल चुका है भारतीय जनता पार्टी ने अपने

दरवाजे बंद कर लिए हैं दुश चौटाला के लिए

और ये क्लियर आगे का एजेंडा शो में अंकित

की तरफ से भी कही जा रही थी हम भी इस बात

को दोहरा रहे थे कि साहब पर्यवेक्षकों के

आने का मतलब ही यह है कि बीजेपी नेतृत्व

ने अपना मन बना लिया

है एबीपी न्यूज आपको रखे

आगे

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