आई श्री मोगल मां की जन्म कथा

आयुषी मोगल मा की जन्म कथा साथ ही जाने क्यों मुगल धरती में समय हर जाति की कोई ना कोई कुलदेवी होती है देवी अपने सभी

भक्तों पर अपनी कृपा दृष्टि रखते हैं आज हम जानेंगे ऐसे ही श्री आई मोगल मां का इतिहास इतिहास 350 साल पुराना है मोगल मा

के पिता का नाम देव और धनिया और माता का नाम रन की माता नीमराना है जन्म के समय से मां बोल नहीं रही थी इसलिए सभी

लोगों का मन की मुगल भूमि है लेकिन किसी को भी उनकी शक्ति का एहसास नहीं हुआ मोगल मां की शादी 40 साल की उम्र में हुई थी की शादी अक्षय तृतीया के दिन हुई थी समय में अक्षय तृतीया को सबसे अच्छा मुहूर्त माना जाता था मां मोगल का ससुराल

जूनागढ़ के भेसन तालुका के गोरवा अली गांव में था गूगल की शादी उनके बुआ की बेटी से हुई थी गर्मी समाज की प्रथम है कि कोई

भी पिता अपनी बेटी की शादी अपने बहन के लड़के के साथ कर सकते हैं मां मोगल की शादी करके विदाई के समय पेड़ के पिता ने उनको पहले गाड़ियों भारती उनको दहेज दिया 15 गए और भैंस से भी उसे समय बेटी के साथ काम करने के लिए एक और लड़की

को भेजते थे मां मोगल की सेवा के लिए और उनके काम करने के लिए उनके पिता ने भांजी आए को भेजो जैसे ही मां मोगल चरण और भांजे आई बैलगाड़ी में बैठे तब 12 प्रस्थान करके अपने गांव की और निकल पड़ी रास्ते में जानेमन गूगल से कई प्रश्न पूछे लेकिन

मन मग ऐसे सवाल के तो भांजे ने चरण से बात करना शुरू कर दिया और दोनों ने एक दूसरे को अपना अपना परिचय भी दिया इस तरह दोनों रास्ते में बातें करते करते करते मर रहे हैं तब भांजी ने चरण से कहा कि पिताजी मैं कुछ जानती हूं थे चरण ने कहा बेटा

तुम क्या जानती हो असल में भाजी मंच तंत्र की जानकारी थी तब मांझी ने उड़द के दाने लिए और मंत्र बोलकर पीछे आ रहे बारातियों के ऊपर फेंक दिए जैसे ही उड़द के दाने जमीन पर गिरे तुरंत बढ़ आए हो इस तरह चारों तरफ तेजी से पानी छा गया और

पानी की वजह से सभी बाराती हो अपने कपड़े के ऊपर करके चलने लगे मां गूगल भी उसे तरह चलने लगे लोगों को एहसास हुआ कि इसमें कोई लंबी समझ नहीं है संज्ञा वरना थोड़ा ऐसा करती मांझी ने पानी वाला चमत्कार दिखाया और आगे रास्ते में चलते चलते

भांजी ने फिर से उड़द के दाने फेंक कर जंगल में आग लगा दी आग लगते ही सभी बारातियों जंगल में इधर उधर दौड़ने लगे इस प्रकार बड़े और जब गांव की सीमाएं सभी बारातियों और नवीन पति गांव की सीमा पर बैठ गए मां मोगल की ससुराल वालों ने 12 के

स्वागत की तैयारी की और ढोल और बाजा बजाने वाले को ले आए पहले के समय में एक नियम था की एक्सरसाइज करने के बाद ही नम पति अपने कपड़े बदल सकते थे

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