आपको पसंद आएगी चलिए शुरू करते हैं यह जो कहानी है

आपको पसंद आएगी चलिए शुरू करते हैं यह जो कहानी है यह माननीय गढवी की है एक उनके अपमान की कहानी है अगर

उनका अपमान नहीं हुआ होता तो शायद खोडियार माता की उत्पत्ति भी नहीं हुई होती संबंध में जो कहानी है वह इस तरह से है कि लगभग आज से 700d यानी की सातवीं शताब्दी की कहानी है यह कहानी है शाला नाम के गांव से शुरू होती है जो गौशाला सौराष्ट्र

में पड़ता है भारत में गुजरात के भावनगर शहर के पास उसे प्रांत का एक हिस्सा है उसे जगह की एक कहानी है वहां गौशाला जो है

वहां पर एक कहानी शुरू हुई थी तो वहां की कहानी इस प्रकार से है की भागवत महाराज श्री बजरंग के एक राजा वहां पर हुआ करते थे तो महाराज श्री भद्रा वल्लभीपुर प्रांत के एक शासक थे और ममानिया गढ़वी उनके राज्य के गौशाला के छोटे से शहर में रहा

करते थे गुर्जर रसिया में रहते थे उनकी बहुत अच्छी मित्रता महाराज सील भादरा के साथ ही और उनके अच्छे साथी और बहुत ही गरीबी विश्वासी वह माने जाते थे वह दिल से बहुत ही ज्यादा ईमानदार विनम्र और भगवान शिव के भक्त माने जाते थे उनकी दोस्ती

इतनी अच्छी और गहरी थी इसलिए मनिया गढ़वी को उनके मित्र के द्वारा राज गढ़वी नियुक्त किया गया यानी राजा का में जो होता है सलाहकार उनके रूप में उनकी नियुक्ति कर दी गई तो राजा अपनी महल में जो है घंटे तक उनसे बात क्या करते थे और

प्रशासनिक जितने भी महत्वपूर्ण मुद्दे थे उन पर उनसे परामर्श लिया करते थे लेकिन इसी वजह से क्योंकि कोई व्यक्ति किसी के नजदीक हो जाए तो राजतंत्र में हमेशा यह समस्या रहती थी कि दूसरे लोग उसे चिढ़ाने लगते थे तो किसी विशेष व्यक्ति को किसी

राजा के साथ जुड़ने नहीं दिया जाता था लार्जेस्ट स्टील भद्र जोड़े और मान्य के बीच की जो यह दोस्ती थी यह मंत्री परिषद के कई मंत्रियों को बहुत ही ज्यादा बुरी लगने लगी उनसे वह इच्छा करने लगे महल और महाराज के निजी कक्ष में उनकी उपस्थिति को

बहुत ही ज्यादा नाम पसंद किया कि वह इतना उनका मित्र मानते थे कि वह अपने निजी कक्ष में उनका महारानी के सामने बुलाया करते थे उनसे बातें किया करते थे इस वजह से उनको नफरत पैदा करने के लिए की राजा और माननीय के बीच में आपस में लड़ाई

हो जाए तो उन्होंने एक प्लान बनाया उसके लिए और उन्होंने रानी ज्योति महाराज श्री बद्री की जो पत्नी थी उनके साथ मिलकर एक षड्यंत्र इस प्रकार से किया कि राजा की मंत्री परिषद में से कई लोगों ने राजनीति की तरह करके कहा धनिया जो है और उनकी जो

पत्नी है वह बंद है इसलिए राजा रानी की आपस में इन लोगों से उनकी जो है मित्रता खटाई में पढ़ने लगी राजा को भी इस बात का असर समझ में आने लगा तो उसने सोचा कि कहीं मेरी भी संतान न हो इसलिए उन्होंने जब एक दिन गढ़वी महल में प्रवेश कर रहे थे

तो उन्हें रोकने का आदेश दे दिया जब अगले दिन फिर वहां पहुंचे तो फिर उन्हें रोक दिया गया तो इस पर बात को पता करने की कोशिश की तो द्वारपाल सर ने पूछा देखना चाहते हैं ऐसा क्यों उन्होंने बताया कि आप की संतान नहीं हो रही है तो आपकी छाया

उनके बच्चे पर ना पड़ जाए उनका कोई पुत्र ना उत्पन्न हो इसलिए बड़ी ही स्थिति खराब ना हो इसलिए आपको वह अपने साथ नहीं रखना चाहते हैं आपसे नहीं मिलना चाहते हैं

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