न्यूज़ की पाठशाला | CAA के ऐलान के साथ यूपी में संभावित.. शाहीनबाग में बड़ी फोर्स क्यों?| समाचार

यह वह पाठशाला जहां सबकी क्लास लगती है और सबसे पहले आपको बता दूं कि आज पाठशाला में क्या-क्या लेकर आया हूं और कौन-कौन सी

क्लास लगने वाली है चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार सीएए ले आई है लेकिन क्या अब

एनआरसी की बारी है सीएए के ऐलान के साथ यूपी में अलर्ट शाहिनबाग में बड़ी फोर्स

क्यों पहुंची है ममता राहुल ओवैसी मोदी के सीएए पर बड़े सियासी हंगामे का चैप्टर

सबसे पहले खोलने जा रहा हूं फिर बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट का बंड वाले चंदे पर चाबुक चला किसकिस के राज खुलेंगे बंड वाले

चुनावी चंदे में सबसे बड़े घोटाले के आरोप का सच है क्या कौन सी पार्टी किस

बिजनेसमैन से पैसा लेती है इसका लिस्ट भी दिखाऊंगा क्या जिस अडानी अंबानी को मोदी

का दोस्त बताया गया उससे कांग्रेस ने भी चंदा लिया है क्या आज यह भी दिखाऊंगा इसके

अलावा मध्य प्रदेश का व हिंदू मंदिर जहां अब एएसआई सर्वे होगा और सच सामने आएगा म म

प्रदेश की भोजशाला मंदिर या मस्जिद वह सबूत जो सारा सच बताएंगे उसका चैप्टर भी

और फिर पीएम मोदी का व गिफ्ट जो मिनट में पैसे बढ़ा देगा आज उसका चैप्टर और

आखिर में फैक्ट फैक्टर आपको शौक लगेगा सुनकर वह शहर जहां साल से किसी की मौत

ही नहीं हुई है वह शहर कौन सा है क्यों मौत नहीं हुई शहर में किसी की यह भी फैक्ट

फैक्टर में बताऊंगा लेकिन पहले दिन भर का रिवीजन उसके बाद पहला चैप्टर

संदेश खाली के मुद्दे पर बंगाल की ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है सुप्रीम कोर्ट ने शाहजहां शेख के केस

में ममता सरकार की याचिका को खारिज कर दिया ममता सरकार ने शाहजहां शेख की कस्टडी

सीबीआई को सौंपे जाने का विरोध किया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कलकाता हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने से इंकार कर

दिया इस बीच संदेश खाली में ईडी की टीम पर हमले के मामले में सीबीआई का एक्शन तेज हो गया है सीबीआई ने तीन और आरोपियों को

गिरफ्तार कर लिया है साल में बरेली दंगों के मास्टरमाइंड मुस्लिम धर्म गुरु मौलाना

तौकीर रजा के खिलाफ बरेली की कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है इसके साथ ही पुलिस को मार्च तक तकी रजा को गिरफ्तार

करके कोर्ट में पेश करने के लिए कहा गया है कोर्ट के आदेश के बाद मौलाना तकी रजा अंडरग्राउंड

है भारत ने स्वदेशी तकनीक से तैयार की गई अग्नि फाइव मिसाइल का सफल परीक्षण किया इस

मिसाइल की रेंज करीब किमी यानी यह पूरे एशिया और चीन के सबसे उत्तरी किनारे

तक सटीक निशाना साधने की ताकत रखती है डीआरडीओ ने ओड़ीशा में किए गए पहले फ्लाइट टेस्ट को मिशन दिव्यास्त्र का नाम दिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन के कामयाब होने पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई

दी चंडीगढ़ नगर निगम में आज जबरदस्त हंगामा हो गया नौबत मारपीट कि आ ग नगर

निगम में फाइनेंस एंड कांट्रैक्ट कमेटी के इलेक्शन होने थे चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षद

बीजेपी पार्षदों से भिड़ भारी हंगामा हुआ और इस बीच चुनाव में कांग्रेस और आपके तीन

और बीजेपी से दो मेंबर चुने यूपी के गाजीपुर में हाई टेंशन वायर

की चपेट में आने से सवारियों से भरी एक बस में आग लग गई इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग बुरी तरह झुलस गए

आसपास मौजूद लोग हाई टेंशन वायर की वजह से भड़की आग को बुझाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए बताया जा रहा है कि बस शादी समारोह से

लौट रही थी और इसमें से ज्यादा लोक सभा योगी सरकार ने हादसे की जांच का आदेश दिया

है और मृतकों के वालों के लिए पा पा लाख रप के मुआवजे की घोषणा

की तो यह हो गया दिन भर का रिवीजन पाठशाला की पहली क्लास चुनाव से पहले मोदी सीएए ले

आए लेकिन क्या अब एनआरसी की बारी है सीएए के ऐलान के साथ यूपी में अलर्ट शाहीनबाग

में बड़ी फोर्स क्यों पहुंची ममता राहुल ओवैसी मोदी के सीएए पर बड़े सियासी हंगामे

का चैप्टर सबसे पहले खोलने जा रहा

हूं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री मोदी नेने वो धमाका कर दिया जिसके बारे में कई दिनों से चर्चा चल रही

केंद्र सरकार ने सीएए यानी नागरिकता कानून का नोटिफिकेशन जारी कर

दिया और इसी के साथ पूरे देश में सीएए लागू हो गया है यह वह कानून है जो साल

महीने पहले संसद से पारित हुआ था साल महीने पहले और पिछले कई दिनों से माहौल

नागरिकता कानून को लेकर बना हुआ था खास तौर पर टीएमसी और ममता बनर्जी लगातार नागरिकता कानून के खिलाफ बोल रही थी ममता

ने तो कल ही बंगाल में एक रैली में कहा था कि वो सीएए और एनआरसी लागू नहीं होने देंगी लेकिन ममता बनर्जी बयान ही देती रह

गई और मोदी सरकार ने सीएए का नोटिफिकेशन जारी भी कर दिया जैसे वहां कश्मीर में वह बोलती रह गई

महबूबा मुफ्ती वगैरह कि कोई झंडा तिरंगा उठाने वाला नहीं मिलेगा गया तो गया

ममता बोलती रह गई सीएए को आना था तो आ गया सबसे पहले यह देखिए कि नागरिकता

संशोधन कानून में क्या है इसे थोड़ा आसान शब्दों में समझ लीजिए दरअसल तीन

पड़ोसी देशों के धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का कानून जो वहां माइनॉरिटी

है तो जो लोग कहते हैं कि पाकिस्तान का मुसलमान क्यों नहीं आ सकता अरे भाई पाकिस्तान तो मुसलमानों के लिए ही बना हुआ

देश है मुसलमान मन अल्पसंख्यक थोड़ी है जो वहां रह गए यह सोच कर कि उन्हें न्याय

मिलेगा और उन्हें प्रताड़ित किया गया उनको यहां लाया जा रहा दिसंबर से पहले भारत की नागरिकता

मांगने वाले शरणार्थियों को नागरिकता देने का यह कानून है यानी किसी की नागरिकता लेने का कानून तो है ही नहीं तीन पड़ोसी

देश है पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश तीनों देश ऐसे हैं जहां मुसलमान बहुसंख्यक है तो जो पूछते हैं भाई

मुसलमानों को क्यों नहीं अरे भाई हम सबको शरण नहीं दे रहे हैं जो प्रताड़ित है अल्पसंख्यक उनको शरण दे रहे हैं क्योंकि

उनको यहां नहीं शरण मिलेगी तो कहां मिलेगी ईरान और सीरिया में तो मिलेगी नहीं छह

अल्पसंख्यक समुदाय हैं हिंदू सिख बौद्ध जैन पारसी और ईसाई सीएए नागरिकता देने का

कानून है और इससे किसी भारतीय नागरिकता नागरिक की नागरिकता नहीं जाने वाली सीएए

उन लोगों के लिए है जो सालों से प्रताड़ित है और उनके पास भारत के अलावा दुनिया में कोई जगह ही नहीं है यानी नागरिकता संशोधन अधिनियम भारत के

तीन मुस्लिम पड़ोसी देशों के सताय और प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का कानून है क्योंकि ये वो

लोग है ना भाई भाई भारत का बंटवारा जब हुआ तो पाकिस्तान धर्म देख के बना मुसलमानों

के लिए बना लेकिन यह लोग फिर भी वहां रुके इन्होंने उम्मीद जताई कि नहीं हमारे साथ न्याय होगा हम इतने साल से यहां रहे हैं

लेकिन जब इतने साल से इनको प्रताड़ना सनी पड़ी किसी की बेटी उठा के ले जा रहे हैं कहीं पर गुरुद्वारे तोड़ दे रहे हैं कुछ

भी चल रहा है तो नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाई तो इनको कौन जगह देगा हम नहीं देंगे तो अमेरिका देगी इंग्लैंड

देगा यह वहां रह गए यहां भारत नहीं आए तो भारत ना फिर इनको मौका देगा इसलिए इन

अल्पसंख्यकों को मौका मिल रहा है इसमें तमाशा बनाया जा रहा है कि भाई मुसलमान को क्यों नहीं बुला रहे अरे ये धर्म देख के

नहीं अल्पसंख्यक और प्रताड़ना देखकर हो रहा है सीए लागू हुआ और इधर फिर से

वाला माहौल बनाने की कोशिश शुरू हो गई एआई एमआईएम के ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिख भी

दिया कि आप क्रोनोलॉजी समझिए पहले इलेक्शन सीजन आएगा फिर सीए के नियम आएंगे सीएए पर

हमारा विरोध वही पुराना है सीएए विभाजन कारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है जो

मुसलमानों को दो एम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था आप किसी भी सताए गए इंसान को नागरिकता दें लेकिन नागरिकता धर्म के आधार

पर नहीं होनी चाहिए एनपीआर एनआरसी और सीएए मकसद सिर्फ मुसलमानों को टारगेट करना है

सीएए एनपीआर एनआरसी का विरोध करने के लिए जो लोग सड़कों पर उतरे थे उनके पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं

होगा यानी ओवैसी साहब ने भड़काना शुरू कर दिया है ऑलरेडी और जबकि एनआरसी और एनपीआर

का कोई जिक्र भी नहीं हुआ है सरकार अभी बोल भी नहीं रही है कि वो एनआरसी एनपीआर लाने वाली है

सिर्फ सीएए का नाम सुनकर भड़काना शुरू हो गया अच्छा कह रहे हैं कि भाई सबको जो भी प्रताड़ित है उसको जगह दे दीजिए ब हम

करोड़ बैठे हैं करोड़ जो प्रताड़ित सबको जगह देने बैठेंगे

राशन पानी कौन देगा फिर तो भर दुनिया से बुला लीजिए कि दुनिया में जहां जो प्रताड़ित आइए सबको दीजिए लॉजिक नाम की

कोई चीज होती है ओवैसी क्या फिर से शाहीनबाग जैसा विरोध प्रदर्शन करवाना

चाहते हैं क्या क जिस तरह के बयान ओवैसी और दूसरे नेता दे रहे हैं उसे देखते हुए शाहीन बाग में सुरक्षा कड़ी कर दी

गई सीएए लागू होने के फौरन बाद दिल्ली के शाहीन बाग में सुरक्षा बढ़ा दी गई पुलिस

ने शाहीनबाग के इलाके में फ्लैग मार्च निकाला पुलिस और प्रशासन की तैयारी पूरी है कि इस बार जैसा प्रोटेस्ट ना होने

पाए जिससे लोगों को महीनों तक परेशानी झेलनी पड़ी थी सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा

था और इससे भारत के मुसलमान का कुछ लेना ही देना नहीं है सीएए से तो भारत के

मुसलमानों को क्यों भड़काना भाई पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तो लगातार नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर

रही हैं ममता बनर्जी ने कहा कि हम सीएए के नियम देखेंगे अगर अधिकारों का हनन हुआ

भेदभाव हुआ तो हम उसे स्वीकार नहीं करेंगे यह सिर्फ लॉलीपॉप और दिखावा है अगर किसी की नागरिकता गई तो हम चुप नहीं बैठेंगे हम

किसी भी कीमत पर एनआरसी को स्वीकार नहीं करेंगे भाई सीएए में नागरिकता जानी ही नहीं है जबरदस्ती सीए और एनआरसी को जोड़ते

हैं यह लोग ताकि मुसलमानों को भड़काया जा सके नहीं तो जब एनआरसी लिखी नहीं एनआरसी

आई नहीं तो सीए और एनआरसी की बात क्यों करते हैं वहीं सीपीआईएम के नेता मोहम्मद

सलीम ने कहा कि सीएए के मुद्दे पर पीएम मोदी और ममता बनर्जी में पहले ही बात हो चुकी है और दोनों इसको लेकर राजनीति कर

रहे हैं मतलब लेफ्ट तो कह रहा है कि मोदी जी और ममता जी दोनों मिले हुए हैं सुनिए

सीपीआईएम के नेता को फिर दिखाऊंगा कि सीएए लागू होने से बंगाल में लोग कैसे जश्न मना रहे

हैं कानून के तहत आप इतने आसानी से किसी का नागरिकता ले भी नहीं सकते किसी को

नागरिकता दे भी नहीं सकते और ये सरकार हमेशा चाहती है कि कागज जमा दो तो फिर बोलेंगे सबको सब तमाम कागजात तुम जमा दो

जो सबसे पिछड़ा हुआ सबसे गरीब दलित मतवा नम शुद्र है उनको ज्यादा परेशानी होगी

उनके पास उतने कागज होते नहीं है जो सरकार जो कागज देखना चाहती हैं लेकिन चुनाव के वक्त वो इसलिए किए हैं मोदी और ममता राजवन

में बैठ के बात हो गया है दोनों का डायलॉग ठीक हो गया है ये कहेंगे हम सीए लागू कर रहे हैं ममता कहेगी हम सीए लागू करने नहीं

देंगे यानी लेफ्ट के मुताबिक बीजेपी और टीएमसी की सेटिंग गेटिंग हो गई है ममता

बनर्जी कह रही है कि एनआरसी को लागू नहीं होने देंगी सीएए के नियम देखने के बाद अगर भेदभाव हुआ तो उसे स्वीकार नहीं करेंगे

जबकि सीएए लागू होने के बाद खुद ममता के बंगाल में जश्न का माहौल है नागरिकता

कानून लागू होने के बाद बंगाल में जश्न मनाया गया है यह तस्वीरें देखिए जिस मतवा समुदाय के लोगों के बारे में कहा जा रहा

था कि वो सीएए लागू होने से परेशान होंगे वही मतवा समुदाय जश्न मना रहा है बंगाल के अंदर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर जो खुद

मथुरा समुदाय से आते हैं उन्होंने सीएए लागू होने पर कहा कि मोदी जी जो कहते हैं वह करके दिखाते हैं सीएए लागू होने से

मतवा समुदाय में जश्न का माहौल है एक बार शांतनु ठाकुर को सुनिए फिर बताता हूं कि कांग्रेस को सीएए लागू होने से इतनी

परेशानी क्यों हो रही एक बहुत बड़ा पहल है और बहुत बड़ा चैलेंज था जिस चैलेंज को

तोड़ के आज भारतीय जनता पार्टी ने सरकार ने इसको लागू किया है इसमें पूरे मतवा

समाज को लेकर पूरे जितने हमारे उद्वासना

अगला एक हफ्ता जो चलेगा आप लोगों को मीडिया के सामने ही सब कुछ होगा आप देखते

रहिए बंगाल में क्या होता होने जा रहा है धन्यवाद देखिए सीएए का मुद्दा खास तौर पर

बंगाल और असम में लोकसभा चुनाव पर असर डालने वाला है और इसलिए अगर मैं आपको बताऊं कि इसको लेकर इतना पॉलिटिकल हंगामा

जो है वो क्यों है लोगों को समझ में आ रहा है ना भाई कि इससे क्या होगा जैसे अगर आप देखें बंगाल

बंगाल के अंदर लोकसभा सीट और इसी तरह से अगर आप देखेंगे असम

के अंदर असम के अंदर लोकसभा सीट तो दोनों को मिला

दीजिए तो लोकसभा सीट हो जाती सीए लागू होने पर कांग्रेस भी टेंशन

में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि सीए के नियमों को

नोटिफाई करने में मोदी सरकार को साल और तीन महीने लग गए सीएए के नियमों को

अनुसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक

ऐसा साफ तौर पर चुनाव को ध्रुवीक करने के लिए किया गया है विशेष रूप से असम और बंगाल में इसलिए मैंने आपको असम और बंगाल

का गणित समझा दिया क्योंकि कांग्रेस को लग रहा है कि ध्रुवीकरण हुआ तो ममता बनर्जी

और बीजेपी को फायदा हो जाएगा असम में बीजेपी को फायदा हो जाएगा इसलिए य घबराने

की बातें निकल कर आ रही है य लोग पॉलिटिकली घबरा गए कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने सीए पर क्या कहा है वो सुन लीजिए

फिर बताता हूं कि सीए लागू करने में इतना टाइम लगा क्यों यह जो लाया गया है यह इससे देश का

भला नहीं होने वाला है और हमारे देश की परंपरा संस्कृति संस्कार के विरुद्ध है और

भारत ने हमेशा सबों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखा है इसमें सीधे-सीधे भेदभाव

किया गया है इस बिल अब आपको बताता हूं कि सीएए के नियम तय

कर में साल से ज्यादा का समय क्यों लग गया क्योंकि इसी को आधार बनाकर कांग्रेस और दूसरे दल पीएम मोदी पर निशाना साध रहे

सीएए पर दिसंबर को मुहर लगी फिर सरकार ने नियम बनाने के लिए समय मांगा

नियम बनाने की समय सीमा आठ बार बढ़ाई गई कोविड की वजह से भी नियम बनाने में समय लगा सीए के विरोध को देखते हुए भी समय लगा

सरकार को अंदेशा था कि फिर से विरोध हो सकता है इसलिए पूरी तैयारी के बाद इस नियमों को लागू किया गया सीएए को लेकर

लगातार गलतफहमियां फैलाई गई और कहा गया कि इससे भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी लेकिन यह भी देखिए कि सीए का

मकसद क्या है सालों से पीड़ित शरणार्थियों को सम्मानजनक जीवन देना पुनर्वास और

नागरिकता की कानूनी बाधाओं को दूर करना शरणार्थियों के आर्थिक फ्री मूवमेंट और

संपत्ति खरीदने के अधिकार तय होंगे शरणार्थियों के सांस्कृतिक भाषाई और सामाजिक पहचान की रक्षा

होगी शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप के सांसद संजय राउत सीएए लागू होने कह रहे य मोदी

सरकार का आखिरी खेल है सुनिए जरा संजय रावत हिंदू मुसलमान करेंगे भारत पाकिस्तान

करेंगे भारत बांग्लादेश करेंगे य खेल आखरी खेल उनका चल रहा है

चलने दो लागू होने दो भी हटाया क्या किया कश्मीर में कश्मीरी पंडित आ गए घर

में ये खेल करते रहते लोग अभी जब तक चुनाव है तब तक सी ख खिलने

दो सीएए को लेकर जो मिथ या भ्रम फैलाए गए उनकी एक एक सच्चाई भी आपको जाननी चाहिए

पहला मिथ यह है कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ जबकि इसकी सच्चाई यह है कि सीएए

भारतीय नागरिकों पर लागू ही नहीं होगा तो मुसलमानों के खिलाफ कैसे होगा भारत के

पिछले साल में पाकिस्तानी और अफगान को भारत की नागरिकता मिली है और

इसमें ज्यादातर मुसलमान है दूसरा मित है कि सीएए से मुसलमानों को

टारगेट किया जा रहा है इसकी सच्चाई है कि सीएए से तीन पड़ोसी देशों के मुसलमानों को

बाहर रखा गया है तो श्रीलंका के हिंदुओं और तमिलों को भी बाहर रखा गया है म्यानमार

के हिंदू और रोहिंग्या को भी बाहर रखा गया है क्योंकि वहां पर यह समुदाय जो है वह

अल्पसंख्यक नहीं है सीए का मकसद धर्म के आधार पर भेदभाव करना है ही नहीं बल्कि

मानव अधिकारों की रक्षा करना है यानी ना तो सीएए से किसी की नागरिकता जाएगी ना ही

ये मुसलमानों को टारगेट करने के लिए लाया गया है बल्कि सीएए के जरिए तो नागरिकता देने के प्रोसेस को तेज किया गया आप खुद

देखिए पिछले साल में नौ राज्यों के से ज्यादा जिले जिला मजिस्ट्रेट और ग्री

सचिवों को अधिकार दिया गया नागरिकता अधिम अधिनियम के तहत अफगानिस्तान पाकिस्तान बांग्लादेश के

अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का अधिकार दिया गया गृह मंत्रालय की की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से

दिसंबर के बीच पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों को

नागरिकता दी सीएए लागू हो गया है लेकिन सवाल यह है

कि इस कानून के तहत भारत की नागरिकता कैसे हासिल की जा सकती है यह भी सुनिए भारत की

नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए सरकार ने एक पोर्टल बना दिया है मतलब एक वेबसाइट तीन पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों को इस

पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा आवेदन करने वालों को बताना होगा कि वह कब भारत आए थे अगर पासपोर्ट या कोई डॉक्यूमेंट

नहीं होगा तो भी आवेदन कर सकते हैं जरूरी जांच पड़ताल करने के बाद सरकार इन लोगों को नागरिकता दे

देगी यानी सीधे तौर पर हिसाब यह है कि जो सताए हुए

प्रताड़ित अल्पसंख्यक है पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उनको नागरिकता मिलेगी और भारत के किसी नागरिक

की चाहे वो मुसलमान है हिंदू है सिख है ईसाई है उसकी नागरिकता नहीं जाने वाली बॉस लेकिन जिन नेताओं को यह लग रहा है कि उनका

वोट जाने वाला है वह ज्यादा परेशान है और अब वह मुसलमानों को फिर भड़काना शुरू करेंगे उसका क्या इंपैक्ट होगा वह तो आने

वाले दिनों में पता चल जाएगा लेकिन पाठशाला में अब अगली क्लास सुप्रीम कोर्ट का बंड वाले चंदे पर चाबुक चला है किसकिस

के राज खुलेंगे बंड वाले चुनावी चंदे में सबसे बड़े घोटाले का आरोप का सच क्या है

कौन सी पॉलिटिकल पार्टी किस बिजनेसमैन से पैसा लेती रही है इसकी लिस्ट क्या कहती है

क्या अडानी अंबानी जिन्हें मोदी का दोस्त बताया गया उन्होंने भी कांग्रेस को चंदा

दिया है क्या अब इसका

च इलेक्टोरल बंड को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया सुप्रीम कोर्ट ने

एसबीआई को इलेक्टरल बंड पर सारी की सारी जानकारी कल तक दे देने के लिए कह दिया है

इस फैसले के बाद से विपक्ष को लग रहा है कि इस मुद्दे में इतनी जान है जिससे

में नरेंद्र मोदी से लड़ा जा सकता है क्योंकि अभी तक तो विपक्ष के पास नरेंद्र मोदी को घिरने के लिए चुनाव में बहुत

मुद्दे दिख नहीं रहे इसलिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही विपक्ष ने इसे लपक लिया

लेकिन इस फैसले के बाद लोगों के मन में भी कई सवाल हैं जैसे एसबीआई जो डाटा देगी

उसमें होगा क्या एसबीआई जो डाटा देगी उससे के चुनाव पर क्या असर पड़ेगा एसबीआई

जो डाटा देगी उस डाटा पर क्या विपक्ष नरेंद्र मोदी को घेरे या विपक्ष के लिए दांव उल्टा पड़ जाएगा एसबीआई के खुलासे से

सबसे ज्यादा असर किस पार्टी पर पड़ने वाला है पाठशाला में हम आपको इस खबर की पूरी डिटेल

बताएंगे और इन सवालों के भी जवाब आपको देंगे सबसे पहले यह जान लीजिए कि आज

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला जब दिया तो उसमें कहा क्या पहला आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया और

कहा कि एसबीआई को आदेश दिया जाता है कि वह कल शाम बजे तक इलेक्टरल बंड से जुड़ी

जानकारी चुनाव आयोग को दे देगा दूसरा आदेश चुनाव आयोग को दिया कि मार्च को शाम

बजे तक एसबी की तरफ से जो जानकारी मिलेगी उसको इलेक्शन कमीशन ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर

देगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही विपक्ष ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ ऐसा माहौल बना दिया बॉस मानो चुनावी बंड के

डटा में नरेंद्र मोदी को हराने का कोई सीक्रेट फार्मूला हो जो अब सामने आ जाएगा

राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के चंदे के धंधे की पोल खुलने वाली इलेक्टरल

बंड्स भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला साबित होने जा रहा है आम आदमी पार्टी

बोलने लगी कि एसबीआई के जरिए इलेक्टोरल बॉन्ड का सच कब तक छुपाए गी मोदी सरकार

बीजेपी मोदी को यह डर सता रहा है कि अगर सच सामने आ गया तो जनता को पता चल जाएगा कि इलेक्टरल बॉन्ड के जरिए इन्होंने कितना

बड़ा भ्रष्टाचार किया सीपीआईएम की तरफ से कहा गया कि इससे यह कंफर्म होता है कि बड़े-बड़े

कॉरपोरेट्स को डील देने के लिए बीजेपी ने भ्रष्ट तरीकों का इस्तेमाल किया और इसी

तरीके से वह विपक्ष के नेताओं को खरीदते थे और अलग-अलग राज्यों में सरकार बनाते थे इस फैसले से इंडी गठबंधन पर अच्छा असर

हो यानी अभी कुछ डाटा आया भी नहीं कि भाई लोगों ने रिजल्ट भी अनाउंस कर दिया है कि

हो गया अब मोदी जी नहीं बच कुर्सी नहीं बचेगी अब गए इन्होने भ्रष्टाचार किया अभी

एक डटा बाहर नहीं आया एक बार विपक्ष के नेताओं को सुनिए कि उन्होंने इस फैसले पर

क्या कहा है फिर आपको डिटेल में बताता हूं कि आज सुप्रीम कोर्ट में कैसे दलीलें चली

और यह इलेक्टोरल बंड का सच क्या है किसकिस पार्टी ने किसकिस से पैसे

लिए इलेक्टरल बांड का यह तो एसबीआई द्वारा साढ़े

महीने मांगने के बाद साफ हो गया कि मोदी सरकार अपने काले करतूतों

को पर्दा डालने का कोशिश कर रहे हैं लेकिन

आज वो एसबीआई कह रही है कि जुलाई तक हम

आपको बताएंगे सब चीज क्यों इतना टाइम लगता

है सबका लिस्ट है आपके पास यह देखो लाखों में है करोड़ों में है तो बात और है यह

सिर्फ इने गने लोग दिस है आप उसका लिस्ट इमीडिएट कर सकते हो तो व भी वह नहीं करना

चाहते क्योंकि इलेक्शन तक छुपाना चाहते हैं फिर इलेक्शन के बाद क्या होगा वो

देखेंगे यह क्रांतिकारी है मैं तो यह कह रहा हूं कि देश बच जाएगी अगर सुप्रीम

कोर्ट जागते रहे तो जब तक सुप्रीम कोर्ट जागे रहेंगे तब तक हमारा देश बसते

रहे इन्हीं के नेता राहुल गांधी कुछ महीनों पहले विदेश में जाकर बैठकर बता के

आए थे कि कैसे भारत में जुडिशरी खत्म हो गई है कैसे मीडिया खत्म हो गई और अभी इनके

मन के हिसाब से एक आधा फैसले आ गए तो देश जुडिशरी बचा रहा है यह दिक्कत है चुनाव

जीतेंगे तो इलेक्शन कमीशन ठीक नहीं तो ईवीएम गड़बड़ इनके हिसाब का फैसला कोर्ट से आया तो कोर्ट ठीक नहीं तो कोर्ट में

गड़बड़ इनके हिसाब से पत्रकार ने सवाल पूछा तो पत्रकार ठीक नहीं तो पत्रकार

गड़बड़ गड़बड़ दरअसल इनमें इलेक्टोरल बंड को लेकर आज सुप्रीम

कोर्ट का जो फैसला आया उसका थोड़ा बैकग्राउंडर भी आपको बताता हूं इससे आपको इस खबर को समझने में मदद मिलेगी इसी साल

फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टरल बंड को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया और कहा कि तुरंत इस पर रोक लगेगी इसी

दिन सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह आदेश दिया कि वह मार्च तक बताए कि इलेक्टोरल बंड के जरिए किसने किस पार्टी

को कितना चंदा दिया सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को भी आदेश दिया था कि अ अप्रैल से अब तक खरीदे गए इलेक्टरल बंड की

जानकारी वो मार्च तक चुनाव आयोग को दे क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड सिर्फ एसबीआई के

जरिए ही खरीदे जा सकते हैं एसबीआई को आदेश दिया गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट के छ मार्च

की डेडलाइन निकल गई और एसबीआई ने जानकारी नहीं दी इस बीच एसबीआई एक अर्जी लेकर सुप्रीम कोर्ट में गया और इलेक्टोरल बॉन्ड

पर जानकारी देने के लिए कहा कि हमको जून तक का वक्त दे दीजिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को इतना वक्त देने से आज

मना कर दिया और सीधा-सीधा आदेश दिया कि कल तक सब जानकारी दे दीजिए एसबीआई ने मार्च को ही सुप्रीम

कोर्ट में अर्जी डालकर यह कहा था कि मार्च की डेडलाइन काफी कम समय है और एसबीआई ने जून का वक्त मांगा था तब

विपक्ष ने यह आरोप लगाया कि बीजेपी बैंक को ढाल बनाकर चंदा देने वालों की जानकारी छिपाना चाहती है तब कांग्रेस की तरफ से

कहा गया था कि एसबीआई ने जून तक का वक्त मांगा है जून का मतलब लोकसभा चुनाव के बाद जानकारी दी जाएगी आखिर

एसबीआई यह जानकारी लोकसभा चुनाव से पहले क्यों नहीं दे रहा महा लूट के सौदागर को

बचाने में एसबीआई क्यों लगा यह भी दलील दी गई थी कि एसबीआई तो पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड बैंक उसे इलेक्टरल बंड पर

डाटा देने के लिए महीने की जरूरत क्यों है डाटा तो एक क्लिक में निकल आता है

कांग्रेस की दलील के हिसाब से जाए तो व यह आरोप लगा रही है कि एसबीआई जानबूझकर बीजेपी को बचाने के लिए जानकारी छुपा रही

जबकि एसबीआई साफसाफ कह रही है कि जानकारी हमारे पास है हमें सिर्फ थोड़ा वक्त चाहिए

एसबीआई ने कहीं भी जानकारी देने से मना नहीं किया या कोई हल्की बहानेबाजी नहीं की

इसकी बजाय एसबीआई तो इसलिए ज्यादा वक्त मांग रही थी ताकि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से भी आगे एक बेहतर डिटेल रिपोर्ट

पब्लिश करें और मैं यह क्यों कह रहा हूं अभी आगे बताऊंगा इसमें केवल ट्रांजैक्शन के

रिकॉर्ड ही नहीं बल्कि किसने किसको कब और कितना चंदा दिया यह सारी डिटेल एसबीआई

देना चाहती है एसबीआई ने आज सुप्रीम कोर्ट में यह भी बताया कि वह क्यों ज्यादा टाइम मांग रही है एसबीआई के मुताबिक कोर्ट के

जजमेंट में एक पैराग्राफ में सुझाव दिया गया था कि बंड खरीदने वाले और डोनेशन देने

वाले के पार्टी के बीच का लिंक दिखाएं इसके लिए पूरी प्रक्रिया को ही पलटना पड़ता है क्योंकि अभी खरीदने वाले और

डोनेशन देने वाली पार्टी के रिकॉर्ड अलग-अलग रखे जाते हैं इसलिए दोनों के बीच लिंक दिखाने के लिए सब कुछ शुरू से करना

पड़ता हर ट्र ट्रांजैक्शन की ट्रेसिंग करनी पड़ती अब तक कुल से ज्यादा

इलेक्टरल बंड्स बिके हैं उन सबकी डिटेल में ट्रेसिंग होती इसमें बड़ा वक्त लगता

एसबीआई की दलील थी कि जल्दबाजी में कोई गलत डाटा ना अपलोड हो जाए क्योंकि अगर छोटी सी भी गलती होगी तो देश में बवाल हो

जाएगा लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को आदेश देते भी क्लियर कर दिया कि उसे चंदा देने वाले और चंदा लेने वाली पार्टी

के बीच का कनेक्शन मैच ही नहीं कराना है सीधे जो डाटा है उसे चुनाव आयोग को दे

देना है यानी किसने इलेक्टोरल बंड खरीदा ये डेटा आ जाएगा को किस पार्टी को ने

किस कितना इलेक्टोरल बंड जो है इन कैश कराया वो आ जाएगा लेकिन किसने किसको दिया यह नहीं पता चल पाएगा ले तो फिर

इसलिए अब यह समझिए कि एसबीआई के पास इलेक्टोरल बॉन्ड की सारी जानकारियां कैसे रखी

गई दरअसल एसबीआई के मुताबिक यह जो चुनावी बंड होता है इससे जुड़ी कुछ जानकारियां

ऑनलाइन है और कुछ फिजिकली फॉर्म में रखी गई इसका कोई सेंट्रल डेटाबेस नहीं है कि

एक ही जगह पर ऑनलाइन सारी जानकारी एक साथ रखी हुई है बॉन्ड नंबर जैसी जानकारी

डिजिटली स्टोर करके रखी गई है जबकि बॉन्ड खरीदने वालों के नाम केवाईसी जैसी जानकारियां फिजिकली मतलब कागज में लिख के

रखी हुई है और इनकी संख्या बहुत ज्यादा है इसलिए ऐसा नहीं कह सकते कि एक क्लिक में सारी जानकारी मिल जाएगी बल्कि हजारों की

संख्या में इन फिजिकली डॉक्यूमेंट को मैनुअली एक-एक करके ऑनलाइन अपलोड करना होगा और यह भी ध्यान देना होगा कि कहीं एक

भी नंबर गलत ना हो एसबीआई यह भी कह रहा है कि बॉन्ड खरीदने और उसे इन कैश करने वालों की जानकारियां भी अलग-अलग रखी हुई है ताकि

डोनर्स की गोपनीयता बनी रहे क्योंकि यह कानून में था एसबीआई ने बताया कि चंदा देने वालों की जानकारी एक सीलबंद लिफाफे

में अलग-अलग ब्रांच में खी गई और इस जानकारी को अलग-अलग ब्रांच से मुंबई मेन ब्रांच भेजा गया

है अब यह समझिए कि एसबीआई को कल तक कितनी जानकारी इलेक्शन कमीशन को देनी अब इसको

समझने के लिए आपको थोड़ा सरल भाषा में समझाता हूं कि इलेक्टरल बंड चीज क्या है जैसे अगर आप देखेंगे

अप्रैल से अब तक कितना इलेक्टरल बंड जारी हुआ है

चुनावी ब जारी हुआ यह जारी हुआ

ठीक और इतने ही बंड इन कैश कराए गए क्योंकि यह जितने बंड थे यह सारे कहीं

कहीं पर दिए गए कि भैया य हम इस पार्टी को दे रहे इस पार्टी को दे रहे तो जितना इन कैश कराया गया उतना ही डाटा और भी होगा

यानी टोटल मिला दीजिए तो यह डाटा इनटू टू हो जाएगा यानी

यह डटा सेट है जिसको डिकोड करना है कंपाइल करना है

मिलाना है अब आप समझिए कि इलेक्टरल बंड काम कैसे करता है इसको थोड़ा आसान भाषा में आपको

समझाता हूं एसबीआई की ब्रांच में यह इलेक्टोरल

बंड आप खरीद सकते हैं मान लीजिए यह है बैंक ठीक है यह

एसबीआई ठीक अब इस ऐसी ब्रांच होगी देश भर में जहां पर आप इलेक्टोरल बंड खरीद

सकते हैं अब कोई एक व्यक्ति है मान लीजिए यह रमेश कुमार यह रमेश जी

यह रमेश जी गए कहां यह रमेश जी गए बैंक के पास और रमेश जी ने कहा कि मुझे आप जो है

एक इलेक्टरल बंड दे दीजिए एक इलेक्टरल बंड की कीमत से लेकर एक करोड़ रुपए के

बीच कुछ भी हो सकता कोई का भी खरीद सकता है इलेक्टोरल बंड कोई एक करोड़ का भी खरीद सकता है तो रमेश जी बैंक के पास गए

बोले मान लीजिए मुझे एक करोड़ रुप का दे दी तो बैंक ने कहा कि तुम्हारा हम केवाईसी

करेंगे नो योर क्लाइंट इसका डाटा रमेश जी का वगैरह ले लि और इनको

एक क्या जारी कर दिया बैंक ने बैंक ने इनको एक चुनावी बंड जारी कर दिया चुनावी

बंड अब यह बंड जो होता है इसमें किसी का नाम नहीं लिखा होता नो नेम यह कैसा होता

है जरा मैं आपको दिखाता हूं जरा यहां पर आप डालिए मैं आपको दिखाता हूं किस तरह का चुनावी यह

देखिए ऐसा होता है चुनावी बड इसमें ऊपर भारतीय स्टेट बैंक एसबीआई लिखा होता है

इलेक्टरल बंड ऐसे ऊपर नाम लिखा होता है जारी करने की तिथि लिखी होती है ये देखिए यहां पर लिखा है ना डेट ऑफ इशू किस दिन

इशू हुआ है वो डेट लिखा रहेगा जारी करने की तिथि से दिन के अंदर तक यह वैलिड

होता है उतने दिन में जिसको मिला उसको इन कैश कराना होता है और जितने क्या यह बॉन्ड है वो लिखा होता है इसमें कहीं नहीं लिखा

होता कि कौन यह बॉन्ड खरीद के लाया है अब यह आदमी रमेश जी जो थे यह रमेश जी क्या

करेंगे जरा आपको यह दिखाता हूं रमेश जी ने बॉन्ड ले लिया मान लीजिए करोड़ का नावी बंड और रमेश जी कहां गए मान लीजिए रमेश जी

किसी पार्टी के दफ्तर गए और उन्होंने यह बॉन्ड जो है यहां पे जमा कर दिया अब कई

बार पार्टी कह सकती है हमको नहीं पता कौन आके देके गया किसी ने भेज दिया लेकिन मैं मानता हूं कि पर इनको पता होना चाहिए

कि किसने चंदा दिया दिन की वैलिडिटी होती है अब यह

पार्टी क्या करेगी उस दिन में जाएगी बैंक के पास और बोलेगी कि भाई हमको यह बॉन्ड मिला है यह जरा इसका पैसा निकाल के

दे तो एसबीआई या किसी भी बैंक में जाएगी वो इसको पैसा निकाल के पार्टी के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर देगी में यह

कानून आया से इसको लागू कर दिया गया अब सवाल यह है कि अभी होगा क्या

एसबीआई कह रहा है कि उसके पास दो डाटा सेट है वह यह कह रहा है कि एक तो है कि यह बंड

जो है बंड जो है किसने खरीदा इसका डटा सेट उनके पास है कि भाई

आया एक आदमी उसने दिया क्योंकि यहां पर कहा जाता है बंड में एक नंबर लिखा होता है डिजिटल नंबर तो यह डेटा सेट है कि फलाना

आदमी आया था उसने यह बंड खरीदा एक डाटा सेट है की इन कैश किसने

कराया यानी जिसके पास जो आया और बोला कि इसका पैसा मुझे दीजिए यह इन कैश किसने

कराया यह एक डाटा सेट अब सुप्रीम कोर्ट क्या कह रहा है कि हमको इससे लेना देना नहीं है कि

किसने खरीद कर किसने किसको दिया हमको य कनेक्शन चाहिए ही नहीं आप सिर्फ यह डाटा

दे दीजिए कि किसने खरीदा और इन कैश किसने कराया

बस अब इसमें पॉलिटिकल पार्टियां जो है उनको कोई एनजीओ भी फंड कर सकता है कोई

ट्रस्ट भी कर सकता है कोई बिजनेसमैन भी कर सकता है कोई इंडिविजुअल भी कर सकता है अब जब यह कनेक्शन ही एस्टेब्लिश नहीं होगा कि

मान लीजिए ए बी सी तीन लोग हैं और टीएमसी बीजेपी और मान लीजिए कांग्रेस को चंदा गया

है अब ये अगर पता ही नहीं चल रहा है कि एने कांग्रेस को दिया है कि ए ने बीजेपी को दिया है कि ए ने टीएमसी को दिया है या

बी ने टीएमसी को दिया है या बी ने कांग्रेस को दिया है तो अटकलों का बाजार

चलेगा भाई सीधा नाम आएगा कि बिजनेसमैन मान लीजिए ए ने दिया जिसका मान वो कहेगा कि

भाई ये तो हम पहले ही जानते थे कि ये मोदी जी को दी है बीजेपी कहेगी हम तो पहले ही जानते थे कि ये राहुल जी को दिए हैं तो

इससे बेहतर ये होता कि एसबीआई पूरा कंपाइल डाटा देती जिससे एगजैक्टली पता चलता कि इसका चंदा इसको गया

है कोई अटकल का स्कोप ही नहीं रहता लेकिन सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा आदेश के

बाद अभी यह स्कोप बचा रह जाएगा अच्छा चुनावी चंदे को ऐसा दिखाया

जाता है कि अगर कोई बिजनेसमैन किसी राजनीतिक दल को चंदा दे रहा है तो उसने पैसा दिया तो फायदा उठाया ही उठाया होगा

जबक जो कांग्रेस अडानी अंबानी को मोदी नरेंद्र मोदी का दोस्त कहती है कहती है ना कि अडानी अंबानी की सरकार चल रही है वही

अडानी अंबानी से कांग्रेस भी चंदा लेती है मैं आपको एडीआर जिसने यह केस कर रखा है

उसका आंकड़ा दिखाता हूं जैसे अगर आप देखेंगे एडीआर की वेबसाइट पर चले जाइए हम

भी गए तो हम भी शौक में रह गए अरे बॉस अडानी अंबानी अडानी अंबानी चिल्लाने वाली कांग्रेस ने भी चंदा लिया है कांग्रेस का

चंदा देखिए कांग्रेस का चंदा

साल कंपनी और चंदा अब जरा नाम सुनते जाइएगा बस

साल यूपीए की सरकार चल रही थी और यह हमको जो एडीआर की वेबसाइट मिला उतना ही

बता रहा हूं बाकी का मुझे नहीं पता है नहीं है क्या है अडानी इंटरप्राइज लिमिटेड अडानी

एंटरप्राइजेस लिमिटेड इसने कांग्रेस पार्टी को ढ़ करोड़ रुपया का चंदा दिया है

बॉस तो जो अडानी अंबानी नरेंद्र मोदी के सो कॉल्ड दोस्त है उन्होंने किसको चंदा

दिया कांग्रेस पार्टी को यह एडीआर की वेबसाइट पर है और सुनिए

और कंपनी हमें दिखी इसका नाम है अडानी

विलमार लिमिटेड इसने लाख रप का चंदा उस वक्त

कांग्रेस को दे रखा है अब बताइए अगर अडानी अंबानी से चंदा लेने का मतलब उनको नाजायज

फायदा पहुंचाना होता है तो लोग कांग्रेस से भी पूछेंगे क्योंकि ये तो यूपीए की सरकार चल रही थी उस वक्त तो अडानी अंबानी

से क्यों पैसा लिया इसी तरह से आप देखिए साल जब नरेंद्र मोदी की सरकार चल रही है

उस वक्त हमको दिखा एक नाम रिलायस इंडस्ट्रीज लिमिटेड इसने भी

कांग्रेस को चंदा दिया का फिर साल नरेंद्र मोदी देश के

प्रधानमंत्री अडानी अंबानी की सरकार बताया जा रहा है लेकिन

रिलायस जिओ इंफो कम लिमिटेड इसने इसने भी

कांग्रेस पार्टी को चंदा दिया यह एडीआर की वेबसाइट प है बॉस अब मैं एक चीज क्लियर कर दूं इसमें

कोई बुराई नहीं कि अडानी अंबानी और दूसरी कंपनियां जो हैं वह कांग्रेस को चंदा दे रही है इससे कहीं एस्टेब्लिश नहीं होता कि

कांग्रेस ने या यूपीए सरकार ने किसी को फायदा पहुंचाया सब देते हैं इससे सिर्फ

इतना एस्टेब्लिश होता है कि अपनी सहूलियत के हिसाब से बिजनेसमैन को विलन दिखाकर उसका पैसा जो है वो घपले का दिखाया जाता

है पॉलिटिकल नैरेटिव सेट करने की जैसे ही एसबीआई का डाटा चुनाव आयोग की

वेबसाइट पर अपलोड होगा वैसे ही आप लिख के रखिए कि माहौल बनाया जाएगा कि कौन किसको चंदा दे रहा है क्यों दे रहा है लेकिन यह

बात भी समझने वाली है कि सरकार में जो होता है जिसकी सरकार बनने की संभावना ज्यादा रहती है कंपनियां या ट्रस्ट उसको

प्राथमिकता देती है जैसे मैं आपको एक और उदाहरण बताता हूं यह तो कंपनियों के नाम के साथ बताए कई बार कई कंपनियां जो होती

है वो ट्रस्ट के जरिए डोनेशन देती है जैसे एक है प्रूडेंट प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट

प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट यह क्या है भाई य ट्रस्ट है इसका नाम पहले क्या था यह भी याद रखिए

इसका नाम पहले था सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट अब यह इस ट्रस्ट में कई बड़ी बड़ी

कंपनिया जो है वह पैसा देती है और वह पैसा इस ट्रस्ट के जरिए किसको जाता है

पार्टियों को किसीना किसी पॉलिटिकल पार्टी को चंदा जाता है अब मैं अगर आपको साल का दिखा कई

पॉलिटिकल कई पॉलिटिकल पार्टीज को इस सत्या इलेक्टरल ट्रस्ट जो बाद में प्रूडेंट

इलेक्टरल ट्रस्ट हो गया इसके जरिए पैसा गया बीजेपी को कितना गया बॉस करोड़ लाख रुप करोड़ लाख

बीजेपी तब सरकार में भी नहीं तब भी बीजेपी को ज्यादा चंदा मिल रहा था क्योंकि माहौल बना हुआ था कि नरेंद्र मोदी आएंगे अच्छे

दिन लाएंगे कांग्रेस को कितना चंदा मिला जो उस वक्त सरकार में थी करोड़ लाख

र और यह जो आपको सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट बता रहा हूं इसमें देश के कई बड़े-बड़े

बिजनेस हाउसेस जो है वो पैसा देते हैं चंदा देने के लिए तो बिजनेसमैन से पैसा लेने का मतलब घोटाला करना है तो बॉस यह

पैसा करोड़ रुप कांग्रेस को भी गया और करोड़ बीजेपी को भी गया और और दूसरी पार्टियों को

भी अब आपको दिखाता हूं जब यह सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट प्रूडेंट इलेक्टरल

ट्रस्ट बन गया इसने बीजेपी को कितना चंदा दिया बीजेपी को तब इसने चंदा

दिया करोड़ लाख रप और कांग्रेस को कितना चंदा दिया बॉस जो

कांग्रेस गिरती जा रही थी बावजूद उसके कांग्रेस को करोड़ रुप का चंदा

आया अब आप बताइए बड़ी बड़ी कंपनियां ट्रस्ट के जरिए

कांग्रेस को भी चंदा दे तो ठीक दूसरी पार्टी को दे तो देश में माल वही एलआईसी वाला एलआईसी का पैसा डुबा दिया पैसा वाला

हिसाब है इसी तरह साल साल में प्रूडेंट

इलेक्टोरल ट्रस्ट ने बीजेपी को चंदा दिया करोड़ और कांग्रेस को चंदा दिया मात्र

लाख यानी जैसे-जैसे यह माहौल बनता जा रहा है कि भाई बीजेपी जो है वह फिर से

सत्ता में आएगी नरेंद्र मोदी ने कहना शुरू किया कि हम तीसरी बार सरकार आएंगे बनाएंगे

तो उस तरह से जो चंदा है वह ऐसा लग रहा है कि बढ़ रहा है लेकिन बिना कोई डाटा आए बिना कुछ

जानकारी आए जिस तरह से माहौल बना दिया जाता है आप सोचिए क्या ही

चीज पाठशाला में अब अगली क्लास मध्य प्रदेश का वह हिंदू मंदिर जहां अब एएसआई सर्वे होगा सच सामने आएगा मध्य प्रदेश की

भोजशाला मंदिर या मस्जिद वह सबूत जो सारा सच बताएंगे

हम सब जानते हैं कि भारत में ऐसे कई हिंदू मंदिर हैं जिन्हें मुस्लिम आक्रांता हों ने तोड़ा और उन पर कब्जा करके मस्जिदें

बनवा द ज्यादातर लोग अयोध्या काशी और मथुरा के बारे में जानते हैं सैकड़ों

सालों के इंतजार के बाद अब जाकर अयोध्या में राम मंदिर बन पाया है वो भी कानूनी लड़ाई लड़ने के

बाद काशी में ज्ञानवापी मस्जिद का मामला कोर्ट में चल रहा है लेकिन इन मंदिरों के अलावा अब एक और

ऐसा हिंदू मंदिर है जिसे मुस्लिम आक्रांता हों ने तोड़कर उसकी जगह मस्जिद बनवाई और अबना कब्जा कर लिया इसको लेकर मामला आगे

बढ़ रहा है इस मंदिर का नाम है धार भोजशाला यह मध्य प्रदेश में मां सरस्वती

के मंदिर के रूप में विख्यात हुआ करता था यहां हिंदुओं के लिए शिक्षा का एक बहुत बड़ा केंद्र जिसमें दुनिया भर के छात्र

आकर वेद उपनिषद और हिंदू ग्रंथों का अध्ययन किया करते थे लेकिन बाद में मुस्लिम आक्रांता हों ने हमला करके इसे

तहस नहस कर दिया यह आरोप लगा और मस्जिद बना दी तब यहां हिंदू और मुस्लिम पक्ष के अपने अपने दावे हैं लेकिन अब ज्ञानवापी की

तरह इस मंदिर का असली सच सबके सामने आएगा कहा जा रहा है क्योंकि इंदौर हाई कोर्ट धार भोजशाला का सर्वे कराने का आदेश दिया

है भोजशाला को लेकर एक बार जरा फुल फ्रे में तस्वीरें दिखाइए यह जो आप मंदिर देख रहे हैं इसका एएसआई सर्वे होना है और इसको

लेकर जो जानकारी है यहां भी आपको उसी तरह की आकृतियां और सारी चीजें दिखेंगी जो आपको कई बार नजर

आती है काशी विश्वनाथ भोजशाला को लेकर हिंदू फ्रंट फॉर

जस्टिस ने इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी इस याचिका में भोजशाला का अधिकार पूरी तरह से हिंदुओं को सौंपने की मांग की

गई इस मुद्दे पर सुनवाई के बाद इंदौर हाई कोर्ट ने एएसआई यानी आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ

इंडिया को एक एक्सपर्ट टीम बनाने के लिए कहा कोर्ट ने कहा है कि जीपी जीआर जीपीएस तरीके से वैज्ञानिक सर्वे को कराया जीपीआर

का मतलब होता है ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार ये जमीन के अंदर कई लेवल पर जांच करने की तकनीक है इस तकनीक से जमीन की

गहराई में छुपी चीजों और उनके आकार का सटीक पता लगाया जा सकता है भोजशाला परिसर

में बनी इमारतों की उम्र पता करने के लिए कार्बन डेटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल भी किया जाएगा हाई कोर्ट ने पूरे सर्वे की

फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने के लिए कहा है इस सर्वे में भोजशाला के आसपास के मीटर के दायरे की भी जांच की

जाएगी एसआई टीम धार भोजशाला के एक एक हिस्से की जांच करके छ हफ्ते के अंदर

रिपोर्ट बनाकर हाई कोर्ट में पेश करेगी धार भोजशाला का विवाद बहुत पुराना है इस पर हिंदू पक्ष के अपने दावे और सबूत है और

मुस्लिम पक्ष की अपनी दलील है फिलहाल यह जगह एएसआई यानी भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के अधीन है यहां हिंदू समुदाय

हर मंगलवार को पूजा पाठ करता है जबकि मुस्लिम समुदाय को शुक्रवार के दिन दोपहर से लेकर बजे तक नमाज की परमिशन

यहां हर साल बसंत पंचमी पर वाग देवी सरस्वती की पूरे दिन पूजा की जाती लेकिन

बसंत पंचमी शुक्रवार के दिन आ जाए तो विवाद बढ़ जाता है ऐसा कई बार हो चुका है

जब शुक्रवार के दिन बसंत पंचमी आई तब पुलिस और प्रशासन की निगरानी में पूजा और नमाज दोनों

करवाई भोजशाला विवाद को समझने के लिए आपको इसके इतिहास को भी जानना हो ताकि यह समझ

सके कि एक हिंदू मंदिर पर मुस्लिम पक्ष के दावे में कितनी सच्चाई है दरअसल साल

में परमार वंश के राजा भोज ने धार में वाघ देवी स की मूर्ति को स्थापित किया और

ज्ञान की साधना के लिए सरस्वती सदन शुरू किया यहां नालंदा और तक्षशीला की तरह एक

आवासीय संस्कृत महाविद्यालय बनाया गया जहां हिंदू विद्यार्थी शिक्षा के लिए आते

थे सन में अरब के मौलाना कमालुद्दीन को एक प्लानिंग के तहत धार में बसाया गया

इसके बाद में अलाउद्दीन खिलजी ने मालवा के परमार राजवंश पर हमला किया और इस

दौरान धार भोजशाला को तोड़ दिया गया सन में महमूद शाह खिलजी ने एक और हमला

करके भोजशाला को मस्जिद बनाने की कोशिश की इसके लिए महमूद शाह ने मौलाना कमालुद्दीन की याद में मकबरा और दरगाह बनाई में

भोजशाला की खुदाई में मां वागदेवी सरस्वती की मूर्ति मिल गई जिसे अंग्रेज अपने साथ लंदन ले

गए आगे बढ़ने से पहले आपको मां वागदेवी सरस्वती की मूर्ति दिखा देता हूं जो इस

समय लंदन के एक म्यूजियम में रखी हुई है ऐसा कहा जाता है कि में मेजर किनकेड

नाम का एक अंग्रेज इस मूर्ति को लंदन ले गया था यही वो मूर्ति है बाद में इसे लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम ग्रेट रसल स्ट्रीट

में रख दिया गया यानी मां सरस्वती की जिस मूर्ति की स्थापना करके राजा भोजने शिक्षा

का मंदिर शुरू किया वह अब म्यूजियम के अंदर कैद है पिछले कई सालों से इस मूर्ति

को भारत लाने की कोशिश हो रही है कोर्ट में दाखिल याचिका में इस मूर्ति को लंदन से वापस लाए जाने की मांग भी की

गई धार भोजशाला का विवाद साल से भी पुराना है और इसलिए अंग्रेजों ने इसे

स्मारक घोषित कर दिया सन में धार रियासत में एंस एंट मॉन्यूमेंट एक्ट लागू

करते हुए भोजशाला परिसर को संरक्षित स्मारक घोषित किया सन में मुस्लिम

पक्ष ने धार रियासत के दीवान से नमाज के लिए भोजशाला में जगह मांगी लेकिन हिंदू

समाज ने से लेकर तक संघर्ष किया जिसके चलते इस मंदिर में नमाज नहीं हो सकी

सन में धार स्टेट के तत्कालीन राजा ने मुस्लिम समाज को नमाज पढ़ने के लिए

परमिशन दे दी फिर फरवरी से हिंदू पक्ष ने हर मंगलवार पूजा करने के लिए सत्याग्रह शुरू

किया सत्याग्रह में हर मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता था में

भोजशाला में एक विवाद के बाद मंगलवार को यहां पूजा करने और शुक्रवार को नमाज पढ़ने की अनुमति दी मई को धार कलेक्टर ने

भोजशाला में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया लेकिन भोजशाला के बाहर के हिस्से में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता रहा

फरवरी को पुरातत्व विभाग ने भी यहां आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा द बाद में

भोजशाला में शुक्रवार को दोपहर से बजे तक नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई

में मंगलवार को बगैर फूल मालाओं के पूजन की अनुमति दी फरवरी को बसंत पंचमी

के दिन नमाज को लेकर गोशाला में विवाद हो गया इसके बाद तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने एक कमेटी बनाकर जांच करवाई

अप्रैल को अंदर जाकर प्रति मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करने की इजाजत मिल गई अब उम्मीद की जार सर्वे के बाद इसका सच

सामने आएगा और कानूनी रूप से विवाद का हल निकल पाएगा अब इस मामले को सुलझाने का रास्ता

कब तक बनेगा यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन देश में जो रास्ते नरेंद्र मोदी सरकार बना

रही है वह अपने आप में बड़ा उदाहरण है विकास की गति देने को लेकर अब आपको पीएम

मोदी का वह गिफ्ट जो मिनट में पैसे बढ़ा देगा

उसका कई बार कहा जाता कि टाइम इज मनी और अगर समय बच रहा है तो पैसा बढ़ रहा है और अगर

आप इस सोच में विश्वास रखते हैं तो नरेंद्र मोदी सरकार ने आपके पैसे बढ़ाने का भी एक और इंतजाम कर दिया पीएम मोदी देश

में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं इसी मिशन के तहत पीएम ने आज देश को द्वारका एक्सप्रेसवे की

सौगात दी यह वह एक्सप्रेसवे है जिस पर चलने से वक्त के साथ ही आपका पैसा भी

बचेगा आज पाठशाला में द्वारका एक्सप्रेसवे की एक खूबी के बारे में भी आपको बताऊ पहले

द्वारका एक्सप्रेसवे के उद्घाटन समारोह की झलक देखी एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने के

लिए पीएम मोदी गुरुग्राम पहुंचे पीएम ने द्वारका एक्सप्रेसवे पर पैदल चलकर इसका निरीक्षण भी किया केंद्रीय सड़क परिवहन

मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने पीएम को एक्सप्रेसवे की खूबियों के बारे में भी बताया इससे

पहले पीएम ने गुरुग्राम में रोड शो भी किया इस दौरान सड़क के किनारे लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई नजर आई पीएम ने भी

सबका हाथ हिलाकर अभिवादन किया इस दौरान भीड़ ने मोदी मोदी और जय श्री राम के नारे भी लगा एक बार देखिए वहां का

[संगीत] माल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने से पहले इसे

बनाने वाले मजदूरों से भी मुलाकात पीएम ने मजदूरों के साथ बात भी की मजदूर भी पीएम मोदी से मुलाकात के यादगार पलों को अपने

मोबाइल फोन पर कैद करते हुए नजर आए इसके बाद पीएम मोदी ने द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया पीएम ने जिस द्वारका

एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया उसकी खासियत भी जान लीजिए यह आठ लेन का एलिवेटेड

एक्सप्रेसवे एलिवेटेड का मतलब है कि पिलर खड़े करके जमीन के ऊपर इसको बनाया गया है

ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे शहर के ट्रैफिक से लोगों को बचाया जा सके और वो आसानी से किसी भी शहर को बिना जाम में फसे

पार कर गए भाई आपको शहर पार करना है आप ऊपर से निकल गए और नीचे शहर का ट्रैफिक है तो ना वो आपके चक्कर में फंस रहा है ना आप

उसके चक्कर में फंस रहे हैं आठ लेन के इस एलिवेटेड एक्सप्रेसवे में अगर सभी लेन की लंबाई को जोड़ लिया जाए तो कुल मिलाकर

किमी का एक्सप्रेसवे बन जाता है आठ लेन के अलावा इस एक्सप्रेसवे में छह सर्विस लेन

भी बनाई जा रही है द्वारका एक्सप्रेसवे को इस तरह डिजाइन किया गया है कि अगले सालों में दिल्ली और गुरुग्राम के बीच

गाड़ियों में होने वाले इजाफे का भी इस ट्रैफिक की रफ्तार में कोई असर नहीं पड़ेगा द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन

करने के बाद पीएम ने इसके फायदे तो गिनाए साथ ही उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हरियाणा में बिताए

पुराने दिनों को याद भी किया पीएम ने बताया कि किस तरह पुराने समय में हरियाणा की सड़कों का बुरा हाल होता था पहले पीएम

ने जो घटना सुनाई बड़ी दिलचस्प वो सुनिए एक बार इसके बाद आपको द्वारका एक्सप्रेसवे के चालू हो जाने से होने वाले फायदों के

बारे में बताता हूं मनोहर लाल जी और मैं बहुत पुराने साथ

दरी पर सोने का जमाना था तब भी साथ काम करते

थे और मनोहर लाल जी के पास एक मोटरसाइकिल

रहती थी तो व मोटरसाइकिल चलाते थे मैं पीछे

बैठता था रोहतक से निकलता था और गुरुग्राम आकर

के रुकता था यह हमारा लगातार हरियाणा का भ्रमण मोटरसाइकिल पर

हुआ करता था और मुझे याद है उस समय गुरुग्राम में मोटरसाइकिल पर आते थे

रास्ते छोटे थे इतनी दिक्कत होती थी आज मुझे खुशी हो रही है कि हम भी साथ है और

आपका भविष्य भी साथ है पीएम मोदी ने जिस द्वारका एक्सप्रेसवे

की सौगात दी उसके चालू होने से दिल्ली से से जयपुर जाने वाले लोगों को गुरुग्राम शहर में मिलने वाले जाम से दो चार नहीं

होना पड़ेगा द्वारका एक्सप्रेसवे की शुरुआत के बाद गुरुग्राम को पार करने में

मात्र मिनट लगेगा मात्र मिनट और अगर अभी आप चले जाइए पीक आवर्स

में जब तक यह बना नहीं था तो गुरुग्राम को पार करने में दो से तीन घंटा लग जाता था

आईजीआई एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी क्योंकि द्वारका एक्सप्रेसवे को एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए टनल बनाई जा

रही है दिल्ली के बॉर्डर पर बन रही करीब किलोमीटर की इस टनल का काम अगस्त तक पूरा हो जाएगा द्वारका एक्सप्रेसवे के

जरिए मिनट में द्वारका से मानेसर पहुंचा जा सकेगा जबकि अब तक इस सफर को पूरा करने में करीब एक घंटा लगता मानेसर

से आईजीआई एयरपोर्ट के बीच का सफर मात्र मिनट में पूरा हो जाएगा जबकि अभी भी

इसमें कम से कम एक घंटा लग जाता है मानेसर की तरफ से सिंघु बॉर्डर तक जाने में

मिनट लगेंगे जबकि अभी कम से कम तो दो घंटा लगता ही है द्वारका एक्सप्रेसवे से

गुरुग्राम के करीब सेक्टर और गांव सीधे तौर पर जुड़ जाए जिसके लिए एक्सप्रेसवे पर तीन जगहों पर चार लेवल का

इंटरचेंज और नौ जगहों पर तीन लेवल के इंटरचेंज दिए गए इसके साथ ही हरियाणा पंजाब राजस्थान जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों

से सड़क के रास्ते दिल्ली आने वाले लोगों को भी राहत मिलेगी यानी इतना आपका वक्त बचेगा कि उस

वक्त को कहीं और लगाएगा तो खूब पैसा भी कमाए इसलिए मैंने कहा कि अगर टाइम इज मनी मानते हैं तो यह टाइम बचाने वाला और पैसा

बढ़ाने वाला काम हो गया फैक्टर का चैप्टर दुनिया में एक जगह ऐसी

है जहां पिछले सालों से किसी की मौत नहीं हुई आपको ये सुनकर यकीन नहीं हो रहा

होगा लेकिन यह सच है और आज फैक्ट फैक्टर में इस जगह का रहस्य आपको बताऊं नॉर्थ पोल

पर बसे नॉर्वे के शहर का नाम लंग्य बेन है इस शहर में ज्यादातर लोग ईसाई धर्म को

मानने वाले हैं इस शहर में आखिरी मौत साल में हुई और इनफ्लुएंजा की वजह से जिस

शख्स की मौत हुई थी उसके शव को दफना दिया गया लेकिन साल में शव की जांच करने

पर पता चला कि उसमें मौजूद वायरस पूरी तरह एक्टिव है क्योंकि इस शहर में तापमान –

डिग्री सेल्सियस रहता है जिसकी वजह से दफनाया गया शव डीकंपोज ही नहीं हो पाया

जिसका पता लगने के बाद नॉर्वे की सरकार ने महामारी फैलने के डर से इस शहर में शवों

को दफनाने पर पाबंदी लगा दी यानी इस शहर में मौत को ही बैन कर दिया गया मरना है तो

शहर के बाहर जाकर मरिए वाला हिसाब या मर गए तो आपको दफनाया जाएगा शहर के बाहर इसके

साथ ही नॉर्वे की सरकार ने यह भी इंतजाम किए कि इस शहर में जब कोई मौत के करीब पहुंचता है तो उसे हेलीकॉप्टर की मदद से

दूसरी जगह भेज देते हैं फिर उसी जगह मौत के बाद उस शख्स का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है यह सब कुछ इसलिए भी आसानी से

मैनेज हो जाता है क्योंकि नॉर्वे के शहर की आबादी सिर्फ के आसपास है और

इसीलिए इस शहर में साल में किसी की मौत नहीं हुई क्योंकि जिसकी मौत हो नहीं होती उसको शहर के बाहर कर देते हैं तो यह

था आज का फैक्ट फैक्टर अब इस वक्त

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