संकट में हरियाणा सरकार, दुष्यंत चौटाला का अगला कदम क्या ? |

नमस्कार एबीपी न्यूज़ पर हाजिर हूं मैं रोमाना इसार खान आगे का एजेंडा देख रहे हैं आप और शुरुआत बड़ी खबर के साथ हम करने

जा रहे हैं लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में सियासी हलचल तेज होती हुई नजर आ रही

है इस वक्त की बड़ी खबर हरियाणा की सियासत से जुड़ी हुई यह है कि जेजेपी जननायक जनता

पार्टी और बीजेपी जो गठबंधन है दोनों का जेजेपी बीजेपी के साथ इस गठबंधन से बाहर

हो सकती है जेजेपी एनडीए से बाहर आ सकती है आज मुख्यमंत्री हरियाणा के मनोहर लाल

खट्टर उन्होंने बीजेपी विधायक दल की एक बैठक भी बुलाई है कल रात सीएम खट्टर ने पार्टी के नेताओं के साथ भी मंथन किया है

तो मनोहर लाल खट्टर ने आज बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई है हरियाणा में सियासी

हलचल तेज है और सबसे ज्यादा कयास इस बात को लेकर लगाए जा रहे हैं कि जेजेपी एनडीए

से बाहर आ सकती है सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे सहयोगी नीरज पांडे इस वक्त मौजूद है नीरज हरियाणा दुष्यंत

चौटाला की पार्टी एनडीए गठबंधन से बाहर आने के जो कयास लगाए जा रहे हैं नाराजगी

की वजह क्या बताई जा रही है अभी दश चौटाला की नीरज पांडे देखिए दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी है जेजेपी दो सीटें मांग

रही है एक हिसार और एक दिसा दो लोकसभा सीटें मांग रही है वो चुनाव लड़ाना चाह दिसा दो लोकसभा सीटें मांग रही है वह

चुनाव लड़ाना चाहती है अपनी पार्टी को लोकसभा का लेकिन माना यह जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी दोनों सीटें देने को

तैयार नहीं है क्योंकि दोनों सीटों से उनके जीते हुए सांसद हैं और भारतीय जनता पार्टी चाहती है वो अपने लोगों को रिपीट

करना लेकिन जेजेपी की मांग है कि इन दोनों सीटों पर अगर उनको लोकसभा लड़ाया नहीं जाता है तो वह अ पार्टी से बाहर अपना

समर्थन वापस भी ले सकते हैं और आज मैं आपको बता दूं एक फाइनल दौर की बैठक थोड़ी देर में अमित शाह के साथ जेजेपी के प्रमुख

दुष्यंत चौटाला की होने वाली है और उस मुलाकात के बाद ही यह अंतिम फैसला लेंगे क्योंकि अभी तक की जो जानकारी है उसके

अनुसार जेजेपी का और बीजेपी का गठबंधन टूटना लगभग तय हो चुका है अ कल रात में

विधायक दल की एक बैठक भी बुलाई थी मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में उसमें भी भी बहुत सारी इस तरह की बा आप जो कह रहे हैं

कि ये लगभग तय माना जा रहा है कि यह गठबंधन टूटेगा हरियाणा में उससे हरियाणा

सरकार सीएम की कुर्सी इसको लेकर क्या कयास लगाए जा रहे हैं उस पर किसी तरीके का खतरा

क्योंकि अपने दम पर बीजेपी के पास विधायक हैं हरियाणा में इसके अलावा जो पांच निर्दलीय हैं वह मजबूती से फिलहाल तो

बीजेपी के साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं साथ में गोपाल कांडा वो भी बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं तो मेरे ख्याल से आंकड़े के

लिहाज से तो बीजेपी बहुमत का आंकड़ा बनाए रखेगी अगर बीजेपी बाहर हो भी जाती है राज्य में नीरज

पांडे देखिए हरियाणा में हलचल बहुत तेज है हरियाणा में सरकार को लेकर सरकार गिरने

जैसी कोई स्थिति नहीं है कि सरकार गिरी यह अलग बात है कि ऐसी एक चर्चा चल रही है कि हो सकता है सरकार का चेहरा कोई और हो सकता

है मुख्यमंत्री कोई बदल सकता है इसके लेकर आज एक बैठक भी बुलाई गई है विधायक दल की

उस विधायक दल की बैठक में बहुत कुछ तय होगा लेकिन अभी यह अंतिम फैसला नहीं कहा जा सकता यह निर्णय नहीं लिया बहुत कुछ अभी

डिपेंड करेगा थोड़ी देर में अगले एक दो घंटे में घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं चीजें बहुत अलग हो रही है जो बात क रहे स

बसी का रुक कर लेते हैं और असीम बसी से समझने की कोशिश करते हैं असीम मामला जो शुरू हुआ वो लोकसभा सीटों को लेकर कि साहब

जेजेपी जो दशिन चौटाला की पार्टी है उसको लोकसभा चुनाव में हिस्सेदारी चाहिए उसको

दो सीटें चाहिए हरियाणा में और हम सब जानते हैं कि हरियाणा में किस तरीके से बीजेपी ने चुनाव में पिछली बार क्लीन

स्वीप किया था तो मतलब बीजेपी के खाते वाली सीटें उस पर दावा दुष्यंत चौटाला की पार्टी की तरफ से किया जा रहा है ना ऐसे

में यह सीएम चेहरा बदलने का जो सुगबुगाहट प्रदेश की सियासत में है जिसका जिक्र नीरज

पांडे कर रहे थे उसके पीछे क्या वजह बताई जा रही

है मुझे लगता है थोड़ा अर्ली है जो स्पेक्युलेटिव महेंद्रगढ़ जो सीटें हैं दो

सीटें वो मांग रहे हैं और खास कर के हिसार में जब ये बृजेंद्र सिंह चले गए कांग्रेस की तरफ उसके बाद जेजेपी ने ज्यादा जोर

लगाना शुरू किया कि हमें ये सीट चाहिए सीटें पिछली बार बीजेपी जीती थी दो वो मांग रहे हैं लेकिन लगातार मना किया लेकिन

मैं आपको बता दूं पिछले संडे एक मीटिंग हुई थी जेजेपी भी जिसमें उन्होंने कैटेगरी कली कहा था कि अगर हमें दो सीटें बीजेपी नहीं देती है तो हम की सीटें हैं वो

अलग से लड़ेंगे आज विधायक दल की बैठक है लेकिन जो आपने इंपॉर्टेंट बात कही है रोमाना वो ठीक है कि फिगर उनके साथ है

एमएलए बीजेपी के अपने हैं पांच निर्दलीय हैं और लोग भी जो हैं जो उनके साथ आडलज कल अलायंस है उनका तो मुझे लगता नहीं सरकार

गिरने वाली बात है हां सीएम फेस चेंज होना नहीं होना बहुत अर्ली है अभी इस पर बहुत

ज्यादा चर्चा नहीं चल रही यहां पर चंडीगढ़ में मीट च रही लेकिन रश पंडे ने बताया कि चेहरा मुख्यमंत्री का बदला जा सकता है

नीरज आपके पास क्या खबर है आपको सूत्र क्या बता रहे हैं चेहरा बदलकर क्या हासिल हो जाएगा

नीरज नहीं देखिए असीम की बात से मैं सहमत हूं चेहरा बदलना नहीं बदलना यह बहुत अरली

बात है चेहरा बदल सकती है भारतीय जनता पार्टी एक छोटी बात है कभी भी कुछ भी हो सकता है लेकिन आज यह बहुत कुछ मैंने कहा

क्या विधायक दल की बैठक में डिपेंड करेगा देखिए हर घटना के पीछे एक घटना का तर्क

रहता है आज पहले जेजेपी का फैसला होगा उसके बाद ही कुछ चीजें तय होंगी भारतीय

जनता पार्टी बहुत चीजें इतनी तेजी से नहीं करती है अगर भाजपा में यह लगा कि चेहरा बदलना ही है बदलने से ही फायदा है तो बदल

भी सकती है लेकिन मैंने पहले भी कहा कि ये अभी बहुत जल्दबाजी होगा मैं असीम से बिल्कुल पूरी तरह से इत्तेफाक रखता हूं कि

बहुत जल्दबाजी है दल की बैठक क्या होगा बीजेपी को जेजेपी एक तरीके से जाटों की

पार्टी कहीं जेजेपी अगर एनडीए से बाहर जाती है बसी उससे कहीं जाट नाराज ना हो

जाए इसलिए अगर चेहरा बदला जाएगा तो खट्टर को हटाकर क्या कोई जाट चेहरा सामने लाया जा सकता है इस वजह से ये चेहरा बदलने वाले

जो कयास लगाए जा रहे हैं हालांकि अर्ली है ये मैं भी दोहरा देती हूं वही बात जो आप दोनों दोहरा रहे थे आइए असीम

मसी अ वो सेकंड राउंड ऑफ स्ट्रेटेजी होगी पहले तो कोशिश यही होगी कि अलायंस बच जाए

किसी तरह क्योंकि नमाना लोकसभा इलेक्शन से ठीक पहले कोई भी पॉलिटिकल पार्टी इतना बड़ा क्राइसिस नहीं चाहती है कि सरकार गिर

जाए य हम फेस बदलना पड़ जाए आप देख सकते हैं हिमाचल में क्या हुआ मतलब हेल बैंड थी कांग्रेस हाई कमांड की हम सुखो को नहीं

बदलेंगे क्योंकि कोई भी पार्टी नहीं चाहती कि ठीक लोग लोकसभा जब अराउंड द कॉर्नर है तो हम चेहरा बदल दें लेकिन हां अगर पहले

अगर अलायंस टूट जाता है दे रन आउट ऑफ नंबर्स फिर हो सकता है कि अगर अगर सेकंड काइंड ऑफ स्ट्रेटेजी जो है वो बीजेपी लेकर

आए किसी जाट फेस को ले आए लेकिन अभी मुझे लगता है हमें वेट करना चाहिए आज जो विधायक

दल की बैठक है उसके ओ ठीक है नीरज पांडे ऐसे में ये जो दो सीटों पर दावेदारी दुष्यंत चौटाला की तरफ से जताई जा रही है

एक वो भिवानी महेंद्रगढ़ वाली सीट हिसार वाली सीट इसको लेकर सूत्र आपको क्या बता रहे हैं बीजेपी के भीतर से बीजेपी की तरफ

से कितनी गुंजाइश साथ रखने की जेजेपी को लोकसभा चुनाव और इसके बाद विधानसभा चुनाव

का भी नंबर है हरियाणा में तो अक्टूबर नवंबर में जी देखिए रोमाना मेरी जो जानकारी है कल

भाजपा के प्रमुख जेपी नड्डा ने दो टूक शब्दों में साफ कह दिया है कि हम इस बात पर तैयार नहीं है कि हम दोनों सीट आपको

दें भारतीय जनता पार्टी उन दोनों में अपने सीटिंग सांसद को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है वहां पे अपने कैंडिडेट देने की

तैयारी में है भाजपा चूंकि उनको मान भाजपा का मानना है कि दोनों जगह उनके सांसद जीते हुए हैं और दोनों जगह भारतीय जनता पार्टी

अपने कैंडिडेट देगी तो भाजपा जेजेपी की बात इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं कल आपको बता दूं जेजेपी के जो नेता हैं

दुष्यंत चौटाला और जेपी नड्डा के बीच में जो लंबी चर्चा चली शाम को उस बैठक में ये

बेनतीजा बैठक रही इसलिए बहुत अपसेट थे दुष्यंत चौटाला चौटाला जब वहां से निकले

तो उन्होंने बाकायदा अमित शाह जी से समय मांगा है मिलने का और माना यह जा रहा है आज अमित शाह जी से मिलने के बाद व अपना

फाइनल डिसीजन अनाउंस करेंगे बिल्कुल मेरी पुख्ता जानकारी है कि ऑलमोस्ट यह जो

गठबंधन है वह डेड हो चुका है बड़ी जानकारी दे रहे हैं नीरज पांडे कह रहे हैं कि आप ये मान कर चलिए कि ये गठबंधन खत्म हो गया

है नीरज पांडे इस वक्त एबीपी न्यूज़ पर दर्शकों को बड़ी जानकारी दे रहे हैं हरियाणा में बीजेपी जेजेपी का जो गठबंधन

है वो यह आप मान लीजिए कि पूरी तरीके से खत्म हो चुका है हालांकि मैं ये जोड़ती चलूं आपको कि शाम में एक मुलाकात होनी है

जेजेपी के नेता दुष्यंत चौटाला और गृह मंत्री अमित शाह के बीच उसके बाद ही कुछ औपचारिक तौर पर तस्वीर साफ हो पाएगी लेकिन

फिलहाल दरार इतनी ज्यादा बढ़ती हुई दोनों पार्टियों के बीच कि ऐसा लग नहीं रहा है कि इस वक्त बात बन पाएगी इस बीच आपको

बताएं कि सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक हैं नयनपाल रावत उनका बयान आया है

कह रहे हैं जेजेपी से जल्द छुटकारा मिलने वाला है नैनपाल ने यह भी कह दिया हम सरकार

के साथ हरियाणा विधानसभा में कुल सात निर्दलीय विधायक है जिनम से पांच निर्दलीय विधायक

मजबूती से बीजेपी के साथ खड़े हुए हैं उन्हीं में से एक नयनपाल है

सुनिए माननी मुख्यमंत्री महोदय से मुलाकात हु कल मैसेज मिलाकर सीएम निवास आपको

पहुंचना है और माननी मुख्यमंत्री महोदय से मुलाकात हुई है और समर्थन की बात है तो

अपना तो समर्थन पहले से ही बिना शर्त माननी मुख्यमंत्री मनोहरलाल जी के नेतृत्व

सरकार को दे रखा है तो हमने एक ही बात क कि निश्चित तौर पर माननीय मुख्यमंत्री मनोज लाल जी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार

के साथ खड़े हैं भारतीय जनता पार्टी सरकार तौर पर माननीय मोदी जी के नेतृत्व में देश जिस तरीके से तरक्की और उन्नति कर रहा है

सीटें हमारे हरियाणा प्रदेश की है की सीटों पर भारतीय जनता पार्टी कैंडिडेट को उना चाहिए और इसके यशस्वी और

तपस्वी माननीय प्रधानमंत्री मन मोदी जी के जो है ना हाथ मजबूत करने चाहिए अगर मैं

आवास की बात करूं तो निश्चित तौर पर जजपा से गठबंधन जो तोड़ने की कयामत है वो शुरू

हो गी और मेरे हिसाब से जल्दी ही इससे निजात मिल जाएगी जेजेपी से जल्द मिलेगा

छुटकारा हरियाणा के निर्दलीय विधायक को आप सुन रहे थे और आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि जब निर्दलीय विधायक जो बीजेपी के साथ

मजबूती के साथ खड़े हुए हैं अगर वो खुलकर इस तरीके के बयान मीडिया के सामने आकर दें तो फिर जो सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि

हरियाणा में बीजेपी जेजेपी गठबंधन मानिए कि टूट ही चुका है लोकसभा चुनाव से पहले

हरियाणा की सियासत में ये बड़ी हलचल है एक बार फिर से जल्दी से आपको लेकर चलते हैं हमारे सहयोगी लगातार हमारे साथ बने हुए

हैं नीरज जिस बात का जिक्र आप कर रहे थे उसी के संकेत खुलकर यह निर्दलीय विधायक जो

बीजेपी के साथ है लेकिन निशाने पर जेजेपी को ले र है मतलब वही टूट की बात बस

औपचारिक ऐलान होना भर बाकी नीरज देखिए भारतीय जनता पार्टी हरियाणा

में जो राजनीति जो कर रही थी उसमें जाट वर्सेस नान जाट की राजनीति थी मतलब जो जाट

बाहुल्य थी या जाट डोमिनेटेड चीजें थी उससे थोड़ा सा बाहर निकलकर नॉन नहीं

बजे मीटिंग है उसके बाद डिसाइड होगा क्या जो भी लोकसभा चुनाव आ है उसके सामने ऐसा

संकट आ रहा है नहीं लोकसभा में कोई संकट नहीं है की सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी और इनके बिना भी जेजेपी के

बिना मैंने पहले भी बोला था कि हरियाणा में सरकार चलती क्योंकि सभी इंडिपेंडेंट साथी अनकंडीशनली सपोर्ट थी और देखो उसी

तरह सवा साल हो गए साढ़े साल होने को आए वैसे ही खड़े हैं सभी साथी मुख्यमंत्री जी के साथ साथ और भारतीय जनता पार्टी के साथ

और वैसे ही हम खड़े रहेंगे और की सीटें भारतीय जनता पार्टी जीतेगी

हरियाणा हरियाणा के विधायक हैं गोपाल कांडा को आप सुन रहे थे हरियाणा लोकहित पार्टी के नेता हैं और उनकी तरफ से ये कहा

जा रहा है कि साहब की लोकसभा सीटें बीजेपी जीतेगी निर्दलीय विधायक बीजेपी के साथ हैं जेजेपी के जाने से कोई फर्क नहीं

पड़ेगा और जेजेपी की तरफ से जो लोकसभा सीटों को लेकर दावेदारी की जा रही है मतलब

वो सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि जो निर्दलीय विधायक हैं जो बीजेपी के साथ है वो भी सिरे से खारिज कर रहे हैं सुनिए एक

और निर्दलीय विधायक आ जाओ आ जाओ इलेक्शन का सम लोकसभा इलेक्शन आ तो आप

किसके प में सिनेरियो तो मोदी का है और हर मोदी

मोदी है पूरे देश के अंदर पूरे हरियाणा के अंदर के जीतेंगे वो तो माननीय मुख्यमंत्री जी को

मालूम होगा हमें जानकारी हो आज सीएम साहब से मिलके क्या बात देखिए

माननीय मुख्यमंत्री महोदय से आज सुबह बजे मुलाकात हुई है और एक स्पोर्ट की

चिट्ठी हमसे दोबारा से ली है और हमने माननीय मुख्यमंत्री महोदय को बताया कि

पहले ही दिन से माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के नेतृत्व में हमारी आस्था है और अनकंडीशनल सपोर्ट दे रखी है और बस

बजे विधायक दल की बैठक है इन सब चीजों को लेकर के माननीय मुख्यमंत्री महोदय से मुलाकात और चर्चा हुई है सब क्या

आप सपोट कर रहे सरकार से निश्चित तौर पर सपोर्ट कर रखे हैं किया है आज भी कर रहे हैं और कल भी

करेंगे हां लगता ऐसा है प्रतीत होता है कि जो भारतीय जनता पार्टी और जजपा का गठबंधन

है आज जजपा से निजात मिल जाएगी नया मंत्रीमंडल का विस्तार हो रहा है यह तो

माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पता होगा या केंद्रीय नेतृत्व को पता होगा इसकी हमें जानकारी नहीं है

धन्यवाद तो सुन रहे थे आप जो निर्दलीय विधायक हैं व किस तरीके से खुलकर कह रहे

हैं कि आज जेजेपी से निजात मिल जाएगी हरियाणा सरकार पर किसी तरीके का कोई संकट

नहीं है निर्दलीय विधायक मजबूती से बीजेपी के साथ हैं हरियाणा में और इसी के चलते जो

बहुमत का आंकड़ा है वह बीजेपी सरकार के हक में नजर आ रहा है हरियाणा में जेजेपी के

जाने के बावजूद अगर जेजेपी सरकार से बाहर जाती है जिसके कयास लग रहे हैं हम एक बार

फिर से रुख करते हैं हमारे सहयोगी लगातार हमारे साथ बने हुए हैं असीम ये जिस तरीके के बयान सामने आ रहे हैं इसको देखकर तो

ऐसा लगता है कि अब डैमेज कंट्रोल की ज्यादा गुंजाइश बची नहीं है मतलब गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात उससे भी

कुछ हासिल नहीं होने वाला है दुष्यंत चटाला अलग राह

पकड़ेंगे जी हां बिल्कुल उस मीटिंग में क्या होता है वह तो चलो टाइम विल टेल लेकिन यहां पर एक जो बातें हम सुन रहे हैं

तैयारी पक्की है बीजेपी को से लेके इंडिपेंडेंट्स तक आप देख सकते हैं सपोर्ट लिखवा के ले लिया गया है ताकि ये सब

एक्सरसाइज हो चुकी है ताकि गवर्नमेंट किसी तरह की क्राइसिस में ना आ जाए सो आई थिंक गवर्नमेंट जो खटर गवर्नमेंट है वो अपना

फोर्ट होल्ड करके चलेगी सरकार नहीं करेगी लेकिन अब जो बातें समझ आ रही हैं वो ये लग रहा है कि हां डेफिनेटली बीजेपी की

सीटें लड़ना चाहती है दो लोकसभा सीट जेजेपी को नहीं देना चाहती उसके लायंस भी जाता है तो जाए ये क्लियर हो चुका है

बिलकुल ये तस्वीर साफ हो गई है बीजेपी बिल्कुल भी लोकसभा सीटों को लेकर किसी तरीके की गुंजाइश साथी दल जेजेपी के लिए

नहीं छोड़ना चाहती है पिछली बार भी में की लोकसभा सीटें बीजेपी ने जीती थी अपने दम पर और उसी दिशा में बीजेपी इस

बार भी आगे बढ़ने का मन बना चुकी है इस बीच अंकित हमारे साथ मौजूद हैं और अंकित के पास कोई ब्रेकिंग न्यूज़ बड़ी खबर है

वो क्या है अंकित रोमाना इस वक्त एक जानकारी और निकल

के सामने आ रही है हालांकि सूत्रों से ही जानकारी है कि चंडीगढ़ में जो बैठक बुलाई गई है वहां पर दो मुद्दे सामने आ रहे हैं

पहला जेजेपी वाली जो हम लगातार दर्शकों को खबर दे ही रहे हैं लेकिन एक चर्चा यह भी हो रही है कि मनोहर लाल खट्टर को अगर

लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी की जाती है तो मुमकिन है कि उनकी जगह किसी और मुख्यमंत्री को किसी और को मुख्यमंत्री

बनाया जाए यह भी अंदर खाने से चर्चा निकल के सामने आ रही है तो इस वक्त चंडीगढ़ की

बैठक अपने आप में काफी अहम हो जाती है पहला यह कि क्या जेजेपी के साथ में गठबंधन बना रहेगा और दूसरा क्या मनोहर लाल खट्टर

की जगह किसी और को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है यह भी एक चर्चा शुरू हो गई है और हरियाणा के अलग एंगल वाली खबर है जो

यहां पर अंकित गुप्ता लेकर आए हैं अंकित कह रहे हैं कि देखिए जो बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई गई है उस पर भी नजर रखने की

जरूरत है नीरज पांडे आप ही के पास आ रही हूं जिस बात का भी अंकित ने किया कि बहुत

मुमकिन लोकसभा चुनाव में लोकसभा के मैदान में मनोहर लाल खट्टर को उतार दिया जाए और

यह वजह हो सकती है मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने की प्रदेश में

नीरज देखिए राजनीति में कुछ भी संभव है कोई भी चीज की जा सकती है कहा यह भी जा

रहा है कि शायद आज की जो बैठक है बैठक के बाद विधानसभा भंग कर दी जाए और लोकसभा और

विधानसभा दोनों एक साथ चुनाव कराया जा सक सते हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के बीच में महज दो महीने का गैप है

यानी लोकसभा चुनाव के दो महीने बा कह भंग करा दी जाए अभी-अभी जो निर्दलीय विधायक

एबीपी न्यूज़ पर जानकारी दे रहे थे उनकी तरफ से कहा गया है कि साहब उनसे समर्थन वाली चिट्ठी फिर से ली गई है उन्होंने इस

बात को अंडरलाइन किया है मतलब आज सुबह ही उनसे मुख्यमंत्री ने मिलकर एक बार फिर से समर्थन वाली चिट्ठी ली है तो मेरे ख्याल

से फिर यह कयास तो यहां पर इन पर विराम लगा देना चाहिए कि विधानसभा ही भंग कर दी जाएगी अगर इस रणनीति पर आगे बढ़ रहे होते

तो फिर वो नई समर्थन वाली चिट्ठी इ दलीय विधायकों से क्यों लेते मुख्यमंत्री

नीरज देखिए वो एक अलग स्ट्रेटजी हो सकती है लेकिन जब फाइनल जो बैठक होगी जो फाइनल

मुला जो चर्चा होगी या फाइनल निर्णय होगा वह होती है विधायक दल की बैठक में आप

विधायक दल की बैठक होनी बाकी है विधायक दल की बैठक में कुछ भी निर्णय हो सकता है लेकिन मैं बता रहा हूं आपसे कि दो

महत्त्वपूर्ण विषय हैं एक तो यह विधायक दल की बैठक में क्या निर्णय होता है क्या वाकई यह चर्चा है जो कि करनाल से लोकसभा

चुनाव लड़ाए जा सकते हैं मनोहर लाल खट्टर क्या उस पर निर्णय होता है तो फिर अगर वह निर्णय होता है तो निश्चित रूप में

मुख्यमंत्री कोई नया चेहरा होगा मुख्यमंत्री फिर कौन चेहरा होगा तो उसमें भी दो-तीन अलग-अलग नाम है एक नायब चिक

सैनी जो कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष है उनको मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है दूसरा संजय भाटिया जो सोनी पद से सांसद

हैं उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है तो दोनों दोनों अलग-अलग नाम आ रहे हैं तो ये एक एक कयास लगा दूसरा कयास यह भी लगाया

जा रहा है कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव दोनों एक साथ कराया जाए इसके लिए

विधानसभा भंग कर दी जाए तो दो अलग-अलग पैटर्न है दो अलग-अलग विषय हैं दोनों पर बात चल रही है अब देखना यह है कि वाकई

क्या निर्णय होता है या यह भी संभव है कि सरकार पूरी हो और मनोहर लाल खट्टर अपने जो

बाकी टेनर है महज दो महीने का टेनर तीन महीने का बाकी रह गया इन तीन महीनों में अगर आप चेहरा बदल भी देंगे तो उससे कुछ

बहुत ज्यादा हासिल होने वाला नहीं ज्यादा संभाव हो जाता है कि सीएम खट्टर ने बुलाई आपात बैठक और इसमें क्या होने वाला है इसी

पर हमारी नजर लगातार बनी हुई है हमारे तमाम सहयोगी हमारे साथ बने हुए हैं आगे का एजेंडा देख रहे हैं आप हरियाणा की सियासत

की हम बात कर रहे हैं जहां लोकसभा चुनाव से ऐन पहले हलचल बहुत तेज हो गई है और अब

बड़ी खबर यह मिल रही है कि जेजेपी दुषें चौटाला की पार्टी बीजेपी के साथ जो उसका

गठबंधन है उससे बाहर होने जा रही है आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बीजेपी

विधायक दल की बैठक भी बुला ली है कल रात सीएम खट्टर ने पार्टी के नेताओं के साथ मंथन भी किया है तो हलचल बहुत तेज है खबर

यह भी मिल रही है कि दुषें चौटाला की आज किसी समय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात होनी है तो बड़ी खबर यह कि अब

बीजेपी के दो पर्यवेक्षक जो हैं वह भी चंडीगढ़ पहुंचने वाले पहुंच गए हैं इस वक्त की बड़ी खबर यह है कि बीजेपी के दो

पर्यवेक्षक चंडीगढ़ पहुंच गए हैं अर्जुन मुंडा है तरुण चुग हैं दोनों चंडीगढ़

पहुंच गए हैं तो हरियाणा की राजनीति में क्या होगा बीजेपी सरकार की तरफ से अगला क्या कदम

उठाया जाएगा और ऐसे में जो विधायक हैं उनकी मंशा क्या है इसी को लेकर यह

पर्यवेक्षक जो बताया जा रहा है चंडीगढ़ पहुंच गए सीधे आपको लेकर चलते हैं हमारे साथ हमारे तमाम सहयोगी लगातार बने हुए हैं

जरा जानते हैं नीरज पांडे से क्या जानकारी मिल रही है नीरज पर्यवेक्षकों का चंडीगढ़ पहुंचना क्या संकेत दे रहा

है देखिए रोमाना पर्यवेक्षक जब भेजे जाते हैं तो निश्चित रूप में बड़ी हलचल होती है दो पवेक अर्जुन मुंडा केंद्रीय मंत्री हैं

वो पहुंच चुके हैं और साथ में तरुण चुंग उनके साथ दोनों लोग चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं और विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे

आमतौर में अब तक देखा गया जब भी पर्यवेक्षक कहीं किसी राज्य में गए वहां का मुख्यमंत्री चेंज हो गया है

मुख्यमंत्री नया हो गया है कोई दूसरा मुख्यमंत्री तो अब मेरी जो जानकारी आ रही है उसके अनुसार पर्यवेक्षक पहुंच गए

विधायक दल की बैठक में भी शामिल होंगे लेकिन दो थ्योरी है एक पहली थ्योरी य है कि विधायकों की बैठक होगी तो उसमें हो

सकता है कि इस बात की घोषणा हो जाए कि मनोहर लाल खट्टर की जगह में कोई नया चेहरा

मुख्यमंत्री होगा इस बात की संभावना अब ज्यादा होती जा रही है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी पर्यवेक्षक तभी भेजता है जब

भेजती है जब नया मुख्यमंत्री चेंज हमने कई राज्यों में देखा उत्तराखंड में भी देखा गुजरात ने देखा और भी कई राज्यों में देखा

जब सीएम चेंज होना होता है तब पर्यवेक्षक लैंड कर जाते हैं तो आप सबसे बड़ी खबर इस समय की यही है कि शायद है कि मनोहर लाल

खट्टर का अब यह आखिरी दिन आज हो एज ए मुख्यमंत्री कल हो सकता है उनकी जगह में

कोई दूसरा नया मुख्यमंत्री शपथ ले ले एक बात दूसरा यह हो सकता है कि अ मनोहर लाल

खट्टर विधानसभा भंग करने की अ घोषणा कर सकते हैं और लोकसभा चुनाव के साथ ही

विधानसभा चुनाव करा सकते हैं लेकिन पहली वाली संभावना ज्यादा है अब मुख्यमंत्री नया मिलने जा रहा है हरियाणा सरकार मुझे

लगता है जितनी जितनी जितनी मेरी समझ बन रही है फिलहाल इन हालात को देखते हुए

अंकित गुप्ता के पास जरा दर्शकों को लेकर चलते हैं और अंकित हमने जिस तरीके की कार्यशैली अभी तक बीजेपी सरकार की मोदी

सरकार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह के नेतृत्व में देखी है तो वह समय से

पहले विधानसभा भंग करने के कभी पक्षधर रहे नहीं है ऐसे में हरियाणा में विधानसभा भंग

हो और विधानसभा चुनाव जो कि अक्टूबर नवंबर में होने वाले हैं इसी साल में वह लोकसभा

चुनाव के साथ करा दिए जाए इसकी मुझे लगता है यहां पर गुंजाइश फिलहाल ना के बराबर नजर आती है लेकिन पर्यवेक्षकों का पहुंचना

और पर्यवेक्षकों का पहुंचना यह संकेत यहां पर जरूर दे रहा है कि सरकार में बदलाव होने वाला है और सरकार में बदलाव जो है वह

विधायकों की राय लेकर ही हो इसीलिए विधायकों का मन टटोलने के लिए पर्यवेक्षक

चंडीगढ़ पहुंच गए अंकित गुप्ता बिल्कुल ना मैं आपकी बात को ही आगे

बढ़ाना चाहूंगा क्योंकि पर्यवेक्षक वहां पहुंच चुके हैं विधायकों का मन टटोलने के लिए लेकिन इस सबके बीच में दो नाम भी

सामने आ गए हैं चलिए अपने दर्शकों को वो नाम बता देते हैं कि अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हटते हैं तो उनकी जगह कौन

हो सकता है मुख्यमंत्री पहला नाम सामने आ रहा है संजय भाटिया का और दूसरा नाम सामने आ रहा है नायब सैनिका ये जो दो नाम है

इनको फ्रंट रनर के तौर पर देखा जा रहा है हालांकि चर्चा यह भी है कि अगर इन दोनों नामों पर सहमति नहीं बनती है तो मुमकिन है

तीसरा नाम किसी जाट नेता का हो लेकिन फिलहाल अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने पद से हटते हैं तो उनकी जगह संजय

भाटिया या नायब सैनी को मिल सकती है हरियाणा के नए मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी यह एक बड़ी जानकारी निकल के

सामने आ रही है और इसके साथ ही में यह भी जानकारी निकल के सामने आ रही है कि यहां

पर एक और इनपुट ये आ रहा है जानकारी निकल के सामने आ रही है सूत्रों से कि बीजेपी का यह कदम एक तरीके से जेजेपी के ऊपर एक

दबाव सा होगा क्यों क्योंकि अभी तक जेजेपी की तरफ से कहा जा रहा था कि उनको दो लोकसभा की सीटें चाहिए लड़ने के लिए

बीजेपी के अंदर खाने से जानकारी आ रही थी कि एक लोकसभा सीट पर तक तो बात बन सकती है

लेकिन दो दी नहीं जा सकती हैं ऐसे में अगर ये जो बीजेपी नेतृत्व तय कर लेती है कि हम

सरकार में बदलाव कर रहे हैं और जरूरत पड़ी तो विधानसभा भंग भी कर सकते हैं तो निश्चित तौर पर जेजेपी के ऊपर भी एक दबाव

होगा और मुमकिन है कि उस दबाव के चलते भी जेजेपी अपना फैसला जो अगर कुछ लेना चाहती है तो बदलाव करें तो एक तरीके से बीजेपी

ने एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है फिलहाल अब तक ऐसी जानकारी निकल के सामने आ रही है आप रहिए मेरे साथ ये जो एक

तीर से दो निशाने वाली आप बात कह रहे हैं ना इसी को थोड़ा आगे बढ़ाएंगे नीरज के पास लेकर चलूंगी दर्शको को लेकिन उससे पहले

जरा बताते हैं हरियाणा में बीजेपी जेजेपी गठबंधन को लेकर हरियाणा लोकहित पार्टी के

जो विधायक है गोपाल कांडा उनकी तरफ से भी बड़ा बयान दिया गया व दावा कर रहे हैं कि गठबंधन करीब करब टूट गया है सुनिए सभी

साथी नैनपाल रावत जी गोलन साहब रम सब हम मिलके आए हैं तो उन्होंने बजे एक

मीटिंग के लिए कहा कि बजे आ जाए और एक विधायक दल की मीटिंग है और उसके बाद

चर्चा होगी गठबंधन ऑलमोस्ट टूट गया मेरे ख्याल गठबंधन टूट चुका मीटिंग है उसके बाद डिसाइड होगा

क्या जो भी अब नीरज का रोक करते हैं नीरज यहां पर

जिन नामों का जिक्र अंकित गुप्ता कर रहे थे आप भी कर रहे थे वह नाम संजय भाटिया नायब सैनी ऐसे में अगर खट्टर नहीं तो फिर

किसी जाट की ताजपोशी का मूड भी बीजेपी का नजर नहीं आता है इन नामों को देखकर तो यही अंदाजा लगता है मतलब जेजेपी और जेजेपी के

साथ जाटों का जुड़ाव और ऐसे में लोकसभा चुनाव में जाटों की नाराजगी उसको भी कहीं ना कहीं यहां बीजेपी अपनी रणनीति से

दरकिनार करती हुई नजर आ रही है नीरज

पांडे देखिए भारतीय जनता पार्टी हमेशा कोशिश करती है कि किसी भी राज्य में जब कोई नया चेहरा देती है या कुछ भी संगठन के

लेवल पर या सरकार होती है तो वह सामाजिक समीकरण बैठा हैं नायब सिंह सैनी प्रदेश अध्यक्ष हैं जो ओबीसी समाज से आते हैं खुद

खट्टर जो है अभी तक पंजाबी समुदाय से थे और पंजाबियों की बड़ी संख्या है हरियाणा

में तो भारतीय जनता पार्टी का पहला प्रयास यह होगा कि सामा समीकरण बैठाए नायब सिंह सैनी यदि प्रदेश अध्यक्ष बने रहते हैं तो

निश्चित रूप में कोई दूसरा पंजाबी चेहरा ही मुख्यमंत्री होगा तो अब सबसे बड़ा सवाल

यह है कि क्या मनोहर लाल खट्टर अगर हटते हैं तो कोई दूसरा जो मुख्यमंत्री बनेगा

उसके पास समय है क्या विधानसभा चुनाव लड़ने का बहुत सारे टेक्निकल रीजंस है लोकसभा सदस्य हैं ऑलरेडी संजय भाटिया संजय

भाटिया चुनाव भी लड़ने की तैयारी में लोकसभा अगर संजय भाटिया को लड़ाया जाता बनाया जाता है मुख्यमंत्री तो क्या वह

अगले छ महीने के दौरान मुख मुख्यमंत्री कहीं से बन पाएंगे क्या क्योंकि अब समय भी मात्र तीन से चा महीने का रह गया है

महीने का समय भी आगे तो मेरी मेरा मेरा कैलकुलेशन यह कहता है कि शायद मुख्यमंत्री

जो बनेगा वो कोई विधायक ही होगा जो अभी विधायक ऑलरेडी इतने सारे जो सदस्य हैं

भारतीय जनता पार्टी के पास से ज्यादा विधायक हैं वहां पर तो कोई ना कोई विधायक ही मुख्यमंत्री होगा ऐसा मेरी जानकारी में

आ रहा है तो शायद है कि सांसद जो लोकसभा अ लड़ने वाला हो या लोकसभा का सदस्य हो उसको

मुख्यमंत्री ना बनाया जाए अगर मुख्यमंत्री बदलता है तो यह सबसे बड़ी जानकारी मेरे पास जो है उसमें यह है कि कोई ना कोई

विधायक ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा जिससे आगे चुनाव मैदान में जाया जा सके क्योंकि

और यह भी तय है कि जो मुख्यमंत्री होगा वह सामाजिक समीकरण के तहत या तो ओबीसी समाज

से होगा या पंजाबी समाज से होगा तो अब देखना यह होगा कि यह दोनों समीकरण कैसे बैठा हैं अगर नायब सिंह सैनी बनते हैं

यहां पे एक जानकारी आप दे दूं नायब सिंह सैनी को यदि मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो आप यह मान लीजिए कि संजय भाटिया या मनो

मनोहन लाल खट्टर दो में से कोई एक तत्काल प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाएगा और यदि संजय भाटिया बनते हैं तो यह रिप्लेसमेंट

होगा क्योंकि संजय भाटिया भी पंजाबी समाज से हैं और ऑलरेडी मनोहर लाल खट्टर भी बकुल जिस बात का जिक्र आप कर रहे हैं देखिए

हरियाणा एक तरीके से जाट लांड के तौर पर पहचान है और वहां पर जाट मुख्यमंत्री से

इतर बीजेपी ने जिस तरीके से मनोहर लाल खट्टर का नाम आगे किया था उससे कहीं ना

कहीं राजनीति में एक नया प्रयोग बीजेपी की तरफ से किया गया था में यह प्रयोग

हुआ था और सिर्फ हरियाणा में नहीं हुआ था बल्कि महाराष्ट्र में इसी रूप में मराठा उं का प्रभुत्व कम करने के लिए देवेंद्र

फडणवीस को वहां पर आगे किया गया था और कुछ इसी अंदाज में झारखंड में भी रघुवर दास को

तब बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाया था तो उसी कड़ी में मनोहर लाल खट्टर जिनकी ताजपोशी

हरियाणा में हुई थी जाटलैंड में एक नॉन जाट को सीएम की कुर्सी पर बिठाया गया था

क्या अब अगर मुख्यमंत्री का चेहरा बीजेपी की तरफ से बदला जाता है तो बीजेपी अपनी

उसी रणनीति पर आगे बढ़ेगी एक बार फिर के जाटलैंड में नॉन जाट को ही सीएम की कुर्सी

पर बीजेपी बिठाए गी या फिर बीजेपी की तरफ से कोई नया प्रयोग किया जा सकता है इसको

लेकर भी कयास जोरशोर से क्योंकि सामने टकराव में अब जेजेपी खड़ी हुई है जो कहीं

ना कहीं खुद को जाटों की पार्टी बताने में कोई मौका छोड़ती नहीं है अंकित

गुप्ता बिल्कुल रोमाना और यही दिलचस्प है देखिए यहां पर जो चर्चा यही हो रही है कि अगर मनोहर लाल खट्टर हटते हैं क्योंकि अभी

के जो सिनेरियो में ये एक सवाल जरूर है लेकिन हालांकि सूत्रों से जानकारी यही मिल रही है कि ये जो पूरी कवायद हो रही है ये

मनोहर लाल खट्टर की जगह किसी और को मुख्यमंत्री बनाने की हो रही है तो अभी की सिनेरियो में हम बात करते हैं अगर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हटते हैं तो

उनकी जगह कौन तो उनकी जगह जो दो नाम सामने आए हैं उसके अलावा चर्चा ये भी हो रही है कि अगर कोई जो है जाट नेता जो है व

मुख्यमंत्री नहीं बनाते हैं तो अभी का जो समीकरण है दूष चौटाला जैसे जो उप मुख्यमंत्री हैं मुमकिन है उसी तस पर जो

है कोई जो जाट नेता को उपमुख्यमंत्री बनाया जाए क्योंकि बीजेपी जो एक सोशल मैसेजिंग की बात है ना वो बखूबी जो है

करना जानती है फिर चाहे वो टिकट डिस्ट्रीब्यूशन की बात हो या फिर जो चेहरों को चुनने की बात हो जब बीजेपी की

लिस्ट आती है उसमें बाकायदा इस बात का जिक्र होता है अभी हमने हाल ही में देखा है मध्य प्रदेश हो राजस्थान हो या छत्तीसगढ़ हो वहां पर जो मुख्यमंत्री के

चेहरे भी दिए गए वो उसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए दिए गए तो मुमकिन है कि यहां पर हरियाणा में इस तरीके का कोई फैसला

लिया जाता है यानी कि मुख्यमंत्री के चेहरे में बदलाव का फैसला लिया जाता है तो फिर बीजेपी समीकरण को ध्यान में रखेगी अगर

जाट मुख्यमंत्री नहीं बनता तो मुमकिन है दुष्य चौटाला की जगह जेजेपी अगर जो सरकार से बाहर होती है तो वहां पर एक उप

मुख्यमंत्री का चेहरा किसी जाट नेता का हो तो ं गुप्ता यहां पर कह रहे कि सा जातीय

समीकरण साधने में बीजेपी माहिर है इस कला में और ऐसे में चुनावी मौसम में तो

बिल्कुल उससे चूके गी नहीं ऐसे में दुष्यंत चौटाला जो फिलहाल खट्टर सरकार में डेप्युटी सीएम है तो बहुत मुमकिन है कि

बीजेपी के कोटे से ही या फिर किसी निर्दलीय को जाट चेहरे के तौर पर ये डेप्युटी सीएम वाली कुर्सी दे दी जाए इस

बीच एक बार फिर से जरा रुक कर लेते हैं हम नीरज पांडे हमारे साथ मौजूद है नीरज हम जिस तरीके से से आगे तक की बात कर रहे हैं

कि वो सरकार जो बनेगी बिना जेजेपी के और बावजूद इसके कि ये कहा जा रहा है कि साहब

अमित शाह से अभी दुष्यंत चौटाला की मुलाकात होना बाकी है लेकिन बीजेपी की तरफ से तो पर्यवेक्षक भेज दिए गए हैं तो क्या

माना जाए बीजेपी ने तय कर लिया कि अब जेजेपी के साथ और नहीं

चाहिए देखिए दोनों तरफ से ऑलमोस्ट ये बातें समझ में आ गई हैं कि अब यह गठबंधन बहुत ज्यादा आगे रहने वाला नहीं है

क्योंकि जेजेपी की जो अपनी डिमांड्स हैं वो डिमांड पूरी नहीं की जा सकती है जो भारतीय जनता पार्टी के सोर्सेस से हमें

पता चली और जेजेपी भी पीछे हटने को तैयार नहीं जेजेपी का मानना है कि यदि लोकसभा चुनाव में आप हमारा समर्थन नहीं करते तो

हम आपके समर्थन वाली सरकार में रहने के हकदार नहीं है हम उसमें रहना नहीं चाहते हैं तो यह दोनों तरफ से चीजें हो चुकी हैं

तो यह तो मैं बिल्कुल तय मान के चल रहा हूं कि जेजेपी और बीजेपी का जो गठबंधन है वह आज दोपहर तक का या आज शाम तक का ही समझ

के चलिए कि रहने वाला है इसके आगे यह गठबंधन चलने वाला नहीं है यह बिल्कुल कंफर्म बात मान लीजिए क्योंकि उनकी जो

डिमांड है वह भारतीय जनता पार्टी मानने को से रही और जेजेपी अपनी डिमांड के बिना आगे जाने से रही तो एक बात तो तय हो गई अब

दूसरी बात आई है कि अगर जाट उपमुख्यमंत्री नहीं रहता है तो निश्चित रूप में एक उपमुख्यमंत्री जाट देना पड़ेगा क्योंकि

आपको जाट एक बड़ी समुदाय में है जाट आपका आपके जो है वोटर भी हैं और जाटों को मैनेज

रखना आपकी जिम्मेदारी है तो भारतीय जनता पार्टी हमेशा सोशल समीकरण बनाती है तो निश्चित रूप प मैं यह मान के चलता हूं कि

उपमुख्यमंत्री कोई ना कोई जाट लीडर भारतीय जनता पार्टी का होगा वैसे भी जाटों को साधने के लिए भाजपा ने कोई छोटे कदम नहीं

हाल ही में सुभाष बराला को जो कि वहां पे प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे उनको राज्यसभा

भेजा गया दुष्यंत यहां से जयंत चौधरी जो आरएलडी के नेता हैं उ वो एनडीए का हिस्सा

हो चुके हैं और जयंत की पार्टी का जो दखल है वह हरियाणा के भी कई हिस्सों में है खासकर जो सोनीपत पानीपत की जो बेल्ट है जो

हाईवे से लगी हुई बेल्ट है जाटों की उसमें काफी दखल रखते हैं तो भारतीय जनता पार्टी

ने जाट समुदाय को साधने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है बहुत कुछ दिया है तो भाजपा

का मानना यह है कि जाट उनके साथ लोकसभा चुनाव में भी रहने वाले हैं ये अलग बात है कि सामने एक बड़ा जाट लीडर है भूपेंद्र

सिंह हुड्डा तो उसको साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी एक उपमुख्यमंत्री दे सकती है और ये प्लानिंग भारतीय जनता पार्टी की

पहले से है तो अब देखना होगा बहुत कुछ डिपेंड करेगा कि आज जो केंद्रीय पर्यवेक्षक गए हुए हैं विधायक दल की बैठक

जो बजे होने वाली है उस बैठक में क्या कुछ रहने वाला है क्या कुछ निकल कर आता है हिए मेरे साथ मैं लूंगी आपके पास

तो यह बड़ी खबर है इस वक्त हरियाणा की सिया सत में कुछ तो होने वाला है अब वो क्या होगा इसी पर हमारी नजर है बीजेपी के

पर्यवेक्षक फिलहाल चंडीगढ़ पहुंच चुके हैं जहां कुछ देर बाद बीजेपी विधायक दल की

बैठक होने वाली है हरियाणा की सियासी हलचल को लेकर इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है

नायब सिंह सैनी वो हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं आप जानते

हैं नायब सिंह सैनी फिलहाल हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष हैं सीएम बनाए जा सकते हैं

नायब सिंह सैनी मनोहर लाल खट्टर को करनाल से लोकसभा चुनाव

मैदान में उतारा जा सकता है तो बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने

की कवायद में जुटी हुई हरियाणा में नजर आ रही है और ऐसे में मनोहर लाल खट्टर की जगह

कौन तो सूत्र जो जानकारी दे रहे हैं नायब सिंह सैनी का नाम सामने आ रहा है और सबसे

बड़ा एडवांटेज नायब सिंह सैनी के चेहरे के साथ क्या है बताएंगे हमारे सहयोगी

नीरज देखिए नायब सिंह सैनी ओबीसी समाज से हैं भारतीय जनता पार्टी का मूल कैडर है लंबे

समय से भारतीय जनता पार्टी में काम करते आए हैं लोकसभा के सांसद हैं इस समय और

बहुत ही सरल स्वभाव के व्यक्ति हैं और संगठन के माहिर माने जाते हैं तो यह इसलिए

नायब सिंह सैनी को इसलिए भी बनाया जा सकता है कि ओबीसी समाज का एक बड़ा तबका है और खासकर जब सैनी समाज का आप किसी को बनाते

हैं तो उसका फायदा आप सिर्फ हरियाणा में नहीं पाते हैं बल्कि हरियाणा के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी

सैनी समाज का एक बहुत बड़ा वोट बैंक है तो दोनों जगह आप सीधे डेंट करते हो इफेक्ट करते हो तो हो सकता है कि नायब सिंह सैनी

इनका एक तुरुप का इक्का साबित हो सकता है दूसरा एक ब बड़ा सवाल है कि सैनी समाज का हरियाणा में भी कमो बेस हर विधानसभा में

से लेक से तक एक अच्छा खासा वोट बैंक है भारतीय जनता पार्टी का अपना

जो माना जाता है कि जो हर तबके में वोट बैंक बन चुका है अगर यह वोट बैंक सीधे तौर

पर जो अभी तक कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा जी स बीी में होता है तो भारतीय जनता

पार्टी हर सीट ट करने की क्षमता रखती है तो ना समाज से आते हैं ओबीसी है नायब सिंह

सैनी और उन्हीं के नाम को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मनोहर लाल खट्टर की जगह कौन तो वो हो सकते हैं नायब सिंह सैनी

जो फिलहाल हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष हैं

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